उत्तराखंड पिथौरागढ़Landslide in Pithoragarh woman buried in debris

उत्तराखंड से दुखद खबर..एकला तोक गांव में भूस्खलन, मलबे में दफन हुई महिला

हादसे के वक्त महिला गोशाला में मवेशियों को चारा देने गई हुई थी। इसी दौरान पहाड़ी से सैलाब की शक्ल में आया मलबा महिला अपने साथ बहा ले गया। आगे पढ़िए पूरी खबर

Pithoragarh News: Landslide in Pithoragarh woman buried in debris
Image: Landslide in Pithoragarh woman buried in debris (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: भगवान ऐसे दिन किसी को ना दिखाए, जैसे इन दिनों पिथौरागढ़वासियों को देखने पड़ रहे हैं। मानसून की शुरुआत के साथ पिथौरागढ़ में तबाही का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वो अब तक थमा नहीं है। प्राकृतिक आपदा से प्रभावित ये जिला दूसरे क्षेत्रों से अलग-थलग पड़ा है। प्रभावित क्षेत्रों तक राहत पहुंचाने में दिक्कतें आ रही हैं, क्योंकि गांव तक पहुंचने के लिए सड़कें ही नहीं बचीं। मंगलवार को पिथौरागढ़ से एक बार फिर बुरी खबर सामने आई। यहां धारचूला में फिर भूस्खलन हुआ है। हादसे के दौरान एक महिला मलबे में दब गई, जिसका अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। सूचना मिलने पर राहत बचाव दल मौके पर पहुंच गए हैं, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। धापा, गैला और टांगा गांव के बाद अब आपदा ने जुम्मा के एकला तोक इलाके में कोहराम मचाया।

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यहां मंगलवार को पहाड़ी से हुए भूस्खलन के दौरान एक महिला मलबे में दफन हो गई। ग्रामीणों ने हादसे की सूचना तुरंत प्रशासन को दी। जिसके बाद धारचूला तहसील मुख्यालय से एक रेस्क्यू टीम को मौके पर भेजा गया। टीम ने यहां कई घंटे तक रेस्क्यू अभियान चलाया, लेकिन लापता महिला के बारे में अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। महिला का नाम भगीरथी देवी है।

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32 साल की भगीरथी देवी हादसे के वक्त घर से कुछ दूरी पर स्थित गोशाला में मवेशियों को चारा देने गई थी। इसी दौरान पहाड़ी से सैलाब की शक्ल में आया मलबा भागीरथी देवी को अपने साथ बहा ले गया। घटना के बाद से ग्रामीण डरे हुए हैं। एकला तोक गांव में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। गांव के 20 परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया है। इस वक्त पिथौरागढ़ के कई गांवों में आपदा जैसे हालात बने हुए हैं। कई जगह डरे हुए लोगों ने अपने घर छोड़ दिए हैं। कुछ ग्रामीणों ने सरकारी स्कूल में पनाह ली हुई है, तो वहीं कई लोग खुले में प्लास्टिक का टैंट लगाकर दिन काटने को मजबूर हैं। बारिश और भूस्खलन की वजह से पेयजल लाइनें ध्वस्त हो गई है, जिस वजह से गांव वालों को पीने का पानी तक नहीं मिल रहा। लोग बारिश का कहर थमने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन ये इंतजार खत्म ही नहीं हो रहा।