देहरादून: उत्तराखंड सरकार पहाड़वासियों की राह आसान बनाने की तैयारी में जुटी है। सीमांत क्षेत्रों में सड़क सेवाओं को बेहतर बनाया जा रहा है। रोड नेटवर्क को मजबूत करने के लिए कई प्रोजेक्ट्स पर काम जारी है। इसी कड़ी में अब देहरादून जिले के त्यूणी से टिहरी के मलेथा तक 311 किमी लंबी डबल लेन रोड बनाई जाएगी। प्रोजेक्ट की खासियत आपको बताएंगे, लेकिन सबसे पहले ये जान लेते हैं कि इस रोड के बनने से सबसे ज्यादा फायदा किन क्षेत्रों को होगा। नई रोड को ऑलवेदर रोड का विकल्प बताया जा रहा है। राज्य सरकार ऑल वेदर रोड के विकल्प के तौर पर त्यूणी से मलेथा तक सड़क बनाने जा रही है। इसके बनने से देहरादून से टिहरी तक का सफर आसान हो जाएगा। ऑलवेदर रोड के बार-बार बंद होने से लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, ऐसे में नई रोड बनने से लोगों के पास दूसरे रास्ते के इस्तेमाल का विकल्प होगा। रोड बनने से सबसे ज्यादा फायदा मसूरी क्षेत्र को होगा। परियोजना के तहत मसूरी में पांच किमी लंबी सुरंग बनाकर क्षेत्र को जाम से मुक्ति दिलाई जाएगी। प्रोजेक्ट के तहत देहरादून जिले से टिहरी के मलेथा तक 311 किमी लंबी डबल लेन रोड बनाई जाएगी।
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इस परियोजना के तहत मौजूदा सड़कों को ही डबल लेन किया जाएगा। चलिए आपको सड़क का रूट भी बताते हैं। रोड देहरादून के त्यूणी से चकराता, चकराता से मसूरी, मसूरी से चंबा, चंबा से टिहरी बांध होते हुए गडोलिया और गडोलिया से पौखाल होते हुए श्रीनगर के पास मलेथा में आकर हाईवे से जुड़ेगी। परियोजना के तहत कई सुरंग और पुल बनेंगे। जिससे सड़क को चौड़ा करने के साथ ही दूरी भी कम की जा सकेगी। इसके अलावा टनकपुर में जौलजीवी से 33 किमी आगे तक डबल लेन रोड बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल गई है। लोनिवि सचिव आरके सुधांशु ने कहा कि ऑलवेदर रोड के अलावा एक अन्य प्रमुख मार्ग तैयार किया जा रहा है, जो गढ़वाल के जिलों को आपस में जोड़ेगा। त्यूणी से मलेथा तक सड़क डबल लेन करने की योजना पर काम चल रहा है। डीपीआर के लिए दो एजेंसियों का चयन कर लिया गया है। लोक निर्माण विभाग ने हाल में इस सड़क का सर्वे कराया था। अब डीपीआर की तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रोजेक्ट पर 250 करोड़ की लागत आएगी।