उत्तराखंड अल्मोड़ाUttarakhand four bjp mla create tension for party

उत्तराखंड बीजेपी में अंदरखाने बढ़ी टेंशन, 4 विधायक किए तलब

प्रदेश के कुछ विधायकों के विवाद और बड़बोलेपन ने बीजेपी और सरकार को चिंता में डाल दिया है। लगातार असहज स्थिति का सामना कर रही बीजेपी ने अब ऐसे विधायकों को अल्टीमेटम देने का मन बना लिया है। आगे पढ़िए पूरी खबर

Uttarakhand bjp: Uttarakhand four bjp mla create tension for party
Image: Uttarakhand four bjp mla create tension for party (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: विधानसभा चुनाव-2022 करीब हैं। बीजेपी अपनी तैयारी में जुटी है, लेकिन उत्तराखंड के कुछ दबंग विधायक अपनी ही पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बने हुए हैं। एक बवाल खत्म नहीं होता कि दूसरा शुरू हो जाता है। कुछ विधायकों के विवाद और बड़बोलेपन ने बीजेपी और सरकार को चिंता में डाल दिया है। लगातार असहज स्थिति का सामना कर रही बीजेपी ने अब ऐसे विधायकों को अल्टीमेटम देने का मन बना लिया है। प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने चार विधायकों को 24 अगस्त को पार्टी कार्यालय में तलब किया है। जिन विधायकों को बीजेपी दफ्तर बुलाया गया है, उनमें एक निष्कासित विधायक भी हैं। इन चारों विधायकों से जवाब तलब किया जाएगा। अगर वो अपने जवाब से पार्टी नेतृत्व को संतुष्ट नहीं कर सके, तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है। इनमें से एक विधायक के खिलाफ पार्टी पहले ही एक्शन ले चुकी है। जिन चार विधायकों से जवाब तलब होगा, उनके बारे में भी जान लें। इनमें पहला नाम विधायक महेश नेगी का है। महेश नेगी अल्मोड़ा के द्वाराहाट क्षेत्र से विधायक हैं, इन दिनों यौन शोषण मामले में लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं। महेश नेगी पर एक महिला ने दुष्कर्म करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर बीजेपी पर हमले शुरू कर दिए हैं।

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दूसरे विधायक हैं देशराज कर्णवाल, ये झबरेड़ा क्षेत्र से विधायक हैं। इनका एक ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद इन्हें पार्टी ने अनुशासनहीनता का नोटिस दिया था। अब पार्टी ने उन्हें अपना पक्ष रखने को बुलाया है। तीसरे विधायक हैं पूरन फर्त्याल, ये लोहाघाट का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन्होंने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। मामला टनकपुर-जौलजीवी सड़क निर्माण से जुड़ा है। इन्होंने सड़क निर्माण में लगे ठेकेदार की शिकायत की थी। सरकार ने उनकी शिकायत पर ठेका रद्द कर दिया था, लेकिन बाद में आर्बिट्रेटर ने ठेकेदार के पक्ष में फैसला दिया, जिसके बाद उसी ठेकेदार को ठेका दे दिया गया। फर्त्याल ने इसके खिलाफ विधानसभा में आवाज उठाने की बात कही है। पूरन फर्त्याल अपनी बात पर अड़े रहे तो इनके खिलाफ भी एक्शन लिया जा सकता है। इन तीनों के अलावा खानपुर विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन को भी बुलाया गया है।

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आपत्तिजनक शब्द कहने और दिल्ली में एक मीडियाकर्मी से दुर्व्यवहार के मामले में कुंवर प्रणव सिंह के खिलाफ तगड़ा एक्शन लिया गया था। वो पार्टी से बाहर कर दिए गए। पिछले कुछ समय से वो शांत हैं। अब पार्टी ने उन्हें भी अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है। कोरोना काल में राज्य सरकार संगठन और अपनी छवि चमकाने की कोशिशों में जुटी है। इसमें बीजेपी को काफी हद तक सफलता भी मिली है, लेकिन कुछ विधायक पार्टी की मेहनत पर पानी फेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। इनकी बयानबाजी और हरकतों से सरकार और संगठन को असहज स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा ही चलता रहा तो साल 2022 के चुनाव में बीजेपी को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। चुनाव होने में थोड़ा वक्त बाकी है, इसलिए पार्टी संगठन ने अभी से रक्षात्मक उपाय करने शुरू कर दिए हैं।