चमोली: चमोली में एक बार फिर कुदरत का कहर टूट पड़ा है। यहां पोखरी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ताली अंसारी गांव में आज तड़के तबाही का बादल फट पड़ा। बादल फटने से गांव में भारी तबाही हुई है। बारिश के साथ आए सैलाब से क्षेत्र में भूस्खलन हुआ है। एक मकान भी भूस्खलन की जद में आ गया। हादसे में गांव में सड़क बना रही कंपनी के एक इंजीनियर की मौत हो गई। पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार जारी बारिश काल साबित हो रही है। पहले बादल फटने से कुमाऊं के सीमावर्ती क्षेत्रों में तबाही मची और अब गढ़वाल में जगह-जगह बादल फटने की घटनाएं हो रही हैं। अंसारी गांव के लोग सोमवार रात आने वाली आफत से बेखबर हो चैन की नींद सो रहे थे। तभी तड़के 3 बजे गांव में बादल फट गया। इससे एक मकान के ऊपर भूस्खलन हो गया। रात का वक्त होने की वजह से मकान में रहने वाले लोगों को भागने का वक्त भी नहीं मिल सका। देखते ही देखते मकान मलबे के ढेर में तब्दील हो गया। मलबे में दबने से अवर अभियंता मयंक सेमवाल की मौत हो गई। आगे पढ़िए
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मयंक सिर्फ 24 साल के थे। उनका परिवार रुद्रप्रयाग जिले के तिलवाड़ा क्षेत्र में पड़ने वाले बेनोली गांव में रहता है। मयंक की मौत की खबर से परिजन सदमे में हैं। हादसे में पोकलैंड मशीन ऑपरेटर जयपाल सिंह, जेसीबी ऑपरेटर अनिल सिंह और एक मजदूर समेत पांच लोग घायल हुए हैं। इन दिनों गांव में पीएमजीएसवाई योजना के तहत सड़क बनाई जा रही थी। इंजीनियर मयंक और उनकी टीम सड़क निर्माण का काम करा रही थी। इन लोगों के रहने की व्यवस्था पंचायत घर में की गई थी, लेकिन बीती बादल फटने के बाद पंचायत घर भूस्खलन की जद में आ गया। हादसे की खबर मिलते ही स्थानीय निवासी तुरंत मौके पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य शुरू कर दिया, लेकिन ग्रामीणों की कोशिश के बावजूद युवा इंजीनियर को बचाया नहीं जा सका। मलबे में दबने से मयंक की मौत हो गई। हादसे में 5 लोग घायल हुए हैं, जिनका पोखरी के अस्पताल में इलाज चल रहा है। हादसे की सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को दे दी गई है।