उत्तराखंड चमोलीPilgrimage priest against the master plan in Badrinath Dham

बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के खिलाफ तीर्थ पुरोहित, पीएम मोदी से लगाई गुहार

बदरीनाथ धाम में लागू होने वाले मास्टप्लान के खिलाफ धाम के पुरोहित असहमति दर्ज करा रहे हैं और उनके बीच आक्रोश साफ दिखाई दे रहा है

Badrinath Dham: Pilgrimage priest against the master plan in Badrinath Dham
Image: Pilgrimage priest against the master plan in Badrinath Dham (Source: Social Media)

चमोली: उत्तराखंड में केदारनाथ धाम के जैसे ही बद्रीनाथ धाम का भी जल्दी ही कायाकल्प किया जाएगा। बद्रीनाथ धाम में भी राज्य सरकार ने सुविधाओं के विस्तार के लिए 424 करोड रुपए का मास्टर प्लान तैयार कर दिया है। बता दें कि इस मास्टरप्लान के तहत बद्रीनाथ में श्रद्धालुओं की तमाम सुविधाओं के साथ-साथ सेवाओं का भी काफी अधिक विस्तार किया जाएगा। मास्टर प्लान को अंतिम रूप देने के लिए डीएम स्वाति एस भदौरिया ने संबंधित अधिकारियों के साथ हाल ही में बैठक भी की। मगर स्वयं बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित ही इस मास्टरप्लान प्लान से खुश नहीं दिखाई दे रहे हैं। धाम के पुरोहित मास्टरप्लान पर असहमति दर्ज करा रहे हैं और उनके बीच आक्रोश दिखाई दे रहा है। श्री बद्रीनाथ धाम तीर्थ पुरोहित समाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र सिंह मोदी से मास्टर प्लान के तहत बनने वाली नई बदरीश पुरी के ऊपर मुहर लगाने से पहले तीर्थ पुरोहितों का पक्ष भी सुनने का आग्रह किया है। तीर्थ पुरोहितों का यह आरोप है कि राज्य की सरकार देवस्थानम बोर्ड के जरिए उन्हें धाम से बेदखल करने का एक गहरा षड्यंत्र रच रही है जो वह हरगिज नहीं होने देंगे।

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बता दें कि केदारनाथ में मास्टर प्लान लागू करने के खिलाफ वहां पर भी मौजूद सभी तीर्थ पुरोहित अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। पर्यटन व धर्मस्व विभाग की ओर से बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान को प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रस्तुत किए जाने की खबर के बाद से ही बदरीनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित समाज में भी जबरदस्त विरोध की भावना उत्पन्न हो रखी है। बद्रीनाथ में भी मास्टर प्लान के तहत धाम में होने वाले बदलावों के खिलाफ सभी तीर्थ पुरोहित और सभी हकू हकूक धारियों में जबरदस्त रोष बना हुआ है। तीर्थ पुरोहित संगठन ने भारत सरकार से और पीएम नरेंद्र सिंह मोदी से उनका पक्ष सुनने की अपील की है। तीर्थपुरोहितों ने शीर्षस्थ संस्था श्री बदरीश पंडा पंचायत ने बदरीनाथ मास्टरप्लान के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। पंडा पंचायत अध्यक्ष कृष्णकांत कोटियाल का कहना है कि राज्य सरकार बदरीनाथ धाम के अंदर मास्टरप्लान लागू करके जिस तरह की मनमानी कर रही है वह तीर्थपुरोहितों द्वारा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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उन्होंने कहा है कि सरकार राज्य में लोगों की रोजी-रोटी छीनने के बाद तीर्थ पुरोहितों को भी बेघर करने की तैयारी में है। उनका कहना है कि राज्य सरकार कोरोना महामारी का फायदा उठाकर बद्रीनाथ में मास्टर प्लान लागू करना चाहती है क्योंकि इस समय बद्रीनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों की मौजूदगी नहीं है। ऐसे में मास्टर प्लान का किसी भी तरह से विरोध नहीं हो सकता है। श्री बद्रीश युवा पुरोहित संगठन ने कहा कि मास्टर प्लान के नाम पर सरकार धाम में पड़े उनके बंद घरों को तोड़ने की साजिश कर रही है जिसे सहन नहीं किया जाएगा। तीर्थ पुरोहितों ने प्रधानमंत्री मोदी से बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान पर हरा सिग्नल देने से पहले उनका पक्ष सुनने की अपील की है। वही तीर्थ पुरोहितों ने अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित संगठन के सामने भी इस मुद्दे को रखने की बात की है। कुछ दशक पहले भी बद्रीनाथ धाम के लिए मास्टर प्लान बनाया गया था, मगर तीर्थ पुरोहितों के विरोध के चलते वह लागू नहीं हो पाया था। बद्रीनाथ धाम में देवप्रयाग के वासी तीर्थ पुरोहितों कोई यह डर है कि वहां पर उनकी 80 फीसदी पुश्तैनी घर और भूमि है। उनका अंदेशा है कि मास्टर प्लान लागू होने के बाद वे अपनी भूमि और जमीन से हाथ धो बैठेंगे और बेघर हो जाएंगे।