उत्तराखंड उधमसिंह नगरITBP jawan Jamir Ahmed Shaheed

उत्तराखंड: डोकलाम में शहीद सपूत को आखिरी विदाई, पिता की कैप चूम कर फूट-फूट कर रोया बेटा

आईटीबीपी के अधिकारियों ने जवान की टोपी मृतक के पुत्र सनाउल मुस्तफा को सौंपी तो वो बिलख-बिलख कर रो पड़े। बेटे की ये हालत देख वहां मौजूद हर शख्स की आंखें भर आईं।

Kichha ITBP jawan Jamir Ahmed: ITBP jawan Jamir Ahmed Shaheed
Image: ITBP jawan Jamir Ahmed Shaheed (Source: Social Media)

उधमसिंह नगर: आईटीबीपी के जवान जमीर अहमद (54) की डोकलाम में शहादत के बाद सोमवार देर रात उनका पार्थिव शरीर उत्तराखंड स्थित किच्छा लाया गया। जिसके बाद परिजनों में कोहराम मच गया। गांव में शोक की लहर दौड़ गई। किच्छा से शहीद की अंतिम विदाई की भावुक कर देने वाली तस्वीरें आई हैं। शहीद के परिजन तिरंगे में लिपटे ताबूत से लिपटकर देर तक बिलखते रहे। पार्थिव देह के साथ आईटीबीपी के अधिकारी भी किच्छा पहुंचे थे। अधिकारियों ने जवान की टोपी मृतक के बेटे सनाउल मुस्तफा को सौंपी। पिता की कैप देखकर सनाउल बिलख-बिलख कर रो पड़े। बेटे की ये हालत देख वहां मौजूद हर शख्स की आंखें भर आईं। सोमवार देर रात सैकड़ों की संख्या में उमड़ी भीड़ ने जवान के अंतिम दर्शन कर उन्हें नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। देर रात ही जवान के शव को सुपुर्दे खाक कर दिया गया। कब्रिस्तान में हल्दूचौड़ से आई आईटीबीपी की टीम ने जवान को अंतिम सलामी दी। 54 साल के जमीर अहमद मूलरूप से यूपी के बरेली के रहने वाले थे। वर्तमान में उनका परिवार उत्तराखंड के किच्छा मे रहता है।

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आईटीबीपी में कार्यरत जमीर अहमद इन दिनों अरुणाचल प्रदेश के डोकलाम में तैनात थे। ड्यूटी के दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई थी। साथी जवान उन्हें तुरंत अस्पताल लेकर गए, लेकिन जमीर अहमद बच नहीं सके। शनिवार को उनकी मौत हो गई थी। उत्तराखंड के जवान की शहादत की खबर जैसे ही उनके घर पहुंची, वहां कोहराम मच गया। परिजन शहीद के अंतिम दर्शन का इंतजार कर रहे थे। ये इंतजार सोमवार को खत्म हुआ। शहीद जवान की पार्थिव देह को अरुणाचल प्रदेश से दिल्ली तक विशेष विमान से लाया गया। बाद में शव को सेना की गाड़ी से किच्छा लाया गया। पार्थिव देह को जवान के घर के बाहर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। इस दौरान आईटीबीपी के अधिकारियों ने जवान की टोपी मृतक के पुत्र सनाउल मुस्तफा को सौंपी तो वो फफक कर रो पड़े। सनाउल काफी देर तक अपने पिता की कैप को चूम कर रोते रहे। घर पर बेटी शहनाज भी पिता के जाने के गम में बार-बार बेहोश हो रही थी। सोमवार देर रात अंतिम दर्शन के बाद शव को कब्रिस्तान में सुपुर्दे खाक कर दिया गया।