देहरादून: उत्तराखंड में अंतरराज्यीय परिवहन सेवाएं जल्द शुरू होने वाली हैं। राज्य सरकार द्वारा अनुमति मिलने के बाद उत्तराखंड से यूपी, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के लिए रोडवेज बसों का संचालन होगा। इससे यात्रियों को राहत मिलेगी। साथ ही घाटे से जूझ रहे रोडवेज और ट्रांसपोर्टरों को जीवनदान मिलेगा। अंतरराज्यीय बस सेवा के संचालन के लिए शासन आज एसओपी जारी कर सकता है। मार्च में लगे लॉकडाउन के बाद प्रदेश में अंतरराज्यीय परिवहन सेवाएं बंद कर दी गई थीं। अनलॉक की शुरुआत में रोडवेज बसों को सिर्फ उत्तराखंड के भीतर सेवाएं देने की अनुमति मिली। हालांकि इससे रोडवेज को खास फायदा नहीं हुआ। रोडवेज के साथ-साथ दूसरे राज्य भी उत्तराखंड सरकार से अंतरराज्यीय बस सेवा के संचालन की अनुमति मांग रहे थे। अब राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने अंतर्राज्यीय बस सेवा शुरू करने का भी मन बना लिया है। हालांकि इसकी शुरुआत सीमित बसों के संचालन से होगी। परिवहन विभाग ने इसे लेकर आपदा प्रबंधन विभाग और स्वास्थ्य विभाग को प्रस्ताव भेजा है। शासन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार शुक्रवार को इस संबंध में मानक ऑपरेटिंग प्रक्रिया (एसओपी) जारी होने के आसार हैं। शुरुआत में किस राज्य के लिए कितनी बसों का संचालन किया जाएगा, ये भी बताते हैं। पहले चरण में यूपी और राजस्थान के लिए 100-100 बसों का संचालन शुरू किया जा सकता है।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - देहरादून में 8 नए इलाके हुए सील, अब तक टोटल 45 इलाके सील..यहां भूलकर भी न जाएं
कुछ दिन पहले यूपी ने परिवहन विभाग को बस संचालन शुरू करने का प्रस्ताव भेजा था। राजस्थान ने भी राज्य सरकार से अनुमति मांगी है। दोनों राज्यों से प्रस्ताव मिलने के बाद परिवहन विभाग ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। अब बस सरकार से अनुमति मिलने का इंतजार है। परिवहन विभाग के प्रस्ताव पर आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी चर्चा कर चुके हैं। अब फाइल सीएम ऑफिस भेजी गई है। उम्मीद है जल्द ही कोई अच्छी खबर सुनने को मिलेगी। आज परिवहन विभाग बसों के संचालन को लेकर एसओपी जारी कर सकता है। जिसमें कोविड-19 गाइडलाइन और किराये को लेकर स्थिति साफ की जा सकती है। दूसरे राज्यों के लिए परिवहन सेवाएं शुरू होने से यात्रियों को तो फायदा होगा ही। साथ ही रोडवेज और ट्रांसपोर्टर को भी राहत मिलेगी। ये लोग लंबे वक्त से अंतरराज्यीय परिवहन सेवाएं शुरू करने की मांग कर रहे थे।