उत्तराखंड देहरादूनAnirudh Thapa from Dehradun becomes Emerging Player of the Year

देहरादून के अनिरुद्ध ने नेशनल लेवल पर दिखाया दम, मिला इमर्जिंग फुलबॉलर ऑफ द ईयर का खिताब

अपने एक इंटरव्यू में अनिरुद्ध ने कहा था ‘मैं जन्म से ही टैलेंटेड नहीं था, बल्कि मैंने कड़ी मेहनत की है’। इस साल अनिरुद्ध को मेंस एमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा गया है।

Dehradun Anirudh Thapa: Anirudh Thapa from Dehradun becomes Emerging Player of the Year
Image: Anirudh Thapa from Dehradun becomes Emerging Player of the Year (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के होनहार खिलाड़ी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। पहाड़ी जिलों में ऐसे दर्जनों खिलाड़ी हैं, जो सरकारी सुविधाओं के बगैर अपनी प्रतिभा के दम पर नाम कमा रहे हैं। इन्हीं खिलाड़ियों में से एक हैं देहरादून के युवा फुटबॉलर अनिरुद्ध । जिन्होंने अपनी शानदार उपलब्धियों से उत्तराखंड का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। उत्तराखंड के युवा फुटबॉल प्लेयर अनिरुद्ध थापा को ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन ने मेंस एमर्जिंग प्लेयर ऑफ द ईयर के खिताब से नवाजा है। अनिरुद्ध की इस उपलब्धि से खेलप्रेमियों में जश्न का माहौल है। तमाम खेल संगठनों ने अनिरुद्ध की उपलब्धि पर खुशी जताई। उन्हें बधाई दी। ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन ने हाल में 2019-20 के पुरस्कारों की घोषणा की है। जिसमें उत्तराखंड के युवा फुटबॉल प्लेयर अनिरुद्ध थापा को मेंस एमर्जिंग प्लेयर के खिताब से नवाजा गया। 22 साल के अनिरुद्ध की इस उपलब्धि ने ना सिर्फ उत्तराखंड का गौरव बढ़ाया है, बल्कि संघर्ष कर रहे फुटबॉल खिलाड़ियों को सही राह दिखाने का काम भी किया है। प्रदेश में खेलों और खिलाड़ियों की स्थिति किसी से छिपी नहीं है। खेल संसाधनों का अभाव है, इसके बावजूद खिलाड़ी अपने दम पर नई उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रहे हैं। आगे पढ़िए

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खेल की दुनिया में नाम कमाने के लिए मेहनत कर रहे इन खिलाड़ियों के लिए अनिरुद्ध थापा रोल मॉडल हैं। इंडियन फुटबॉल टीम के युवा मिड फील्डर अनिरुद्ध थापा किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। महज 22 साल की उम्र में ही वो देश के बेहतरीन फुटबॉलर्स की लिस्ट में जगह बना चुके हैं। कई दिग्गज कोच भी उनकी तारीफ कर चुके हैं। अनिरुद्ध थापा ने खेलों के क्षेत्र में जगह बनाने के लिए लगातार मेहनत की। इसी मेहनत के दम पर वो टीम इंडिया का हिस्सा बन पाए। अपने एक इंटरव्यू में अनिरुद्ध ने कहा था कि ‘मैं जन्म से ही टैलेंटेड नहीं था, बल्कि मैंने कड़ी मेहनत की है। देहरादून में मेरे शुरुआती दिनों से ही सभी कोच ने मेरे ऊपर काफी मेहनत की। उन्होंने मेरे गेम के मुताबिक मेरी ट्रेनिंग करवाई’। अनिरुद्ध को इस साल मेंस एमर्जिंग प्लेयर के खिताब से नवाजा गया है। उन्होंने अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने कोच को दिया।