उत्तराखंड देहरादूनSuspense on opening of school in Uttarakhand

उत्तराखंड में कैसे शुरू होगी स्कूलों में पढ़ाई? रिस्क लेने के मूड में नहीं हैं अभिभावक

अभिभावकों का कहना है कि स्कूल राय नहीं मांग रहे बल्कि स्कूल प्रबंधन उनसे बच्चों को अपने रिस्क पर स्कूल भेजने को कह रहे हैं, कोई भी अभिभावक ऐसा रिस्क क्यों लेना चाहेगा?

Uttarakhand School: Suspense on opening of school in Uttarakhand
Image: Suspense on opening of school in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: केंद्र सरकार ने अनलॉक-5 में स्कूलों को सशर्त खोलने की मंजूरी दे दी। राज्य सरकार भी अपनी तरफ से गाइडलाइन तैयार करने में जुटी है। उत्तराखंड में स्कूल तीन चरणों में खोलने की योजना है। उम्मीद की जा रही है कि 15 अक्टूबर के बाद उत्तराखंड में भी स्कूल खुल जाएंगे। राज्य सरकार ने साफ कहा है कि स्कूल तभी खुलेंगे, जब अभिभावकों की मंजूरी होगी। अगर पैरेंट्स नहीं चाहेंगे तो बच्चों को स्कूल नहीं बुलाया जाएगा। कुल मिलाकर अभी भी उत्तराखंड में स्कूल खोलने को लेकर स्थिति साफ नहीं है। शिक्षा मंत्री के निर्देश पर सभी जिलों के डीएम स्कूल खोले जाने की परिस्थितियों पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। प्राइवेट स्कूल्स भी पैरेंट्स को मैसेज और मेल भेजकर फीडबैक ले रहे हैं। नेटवर्क 18 की खबर के मुताबिक लगभग 90 फीसदी अभिभावकों ने बच्चों को अभी स्कूल भेजने से साफ इनकार कर दिया है। आगे पढ़िए

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पैरेंट्स क्या कह रहे हैं, ये भी जान लें। अभिभावकों का कहना है कि स्कूल राय नहीं मांग रहे बल्कि स्कूल प्रबंधन उनसे बच्चों को अपने रिस्क पर स्कूल भेजने को कह रहे हैं। कोई भी अभिभावक बच्चे को अपने रिस्क पर स्कूल क्यों भेजना चाहेगा। उत्तराखंड पैरेंट्स एसोसिएशन की सचिव भूमिका यादव कहती हैं कि स्कूल खुलेंगे तो बच्चों के लिए रिस्क है, इसलिए एसोसिएशन से जुड़े पैरेंट्स बच्चों को स्कूल नहीं भेजना चाहते। जिस तरह अभिभावक डरे हुए हैं उसी तरह स्कूल संचालकों को भी संक्रमण का डर सता रहा है। स्कूल संचालकों की राय है कि फिलहाल 3 महीने तक स्कूल नहीं खोले जाने चाहिए। कुल मिलाकर ना तो अभिभावक रिस्क लेना चाहते हैं और ना ही स्कूल प्रबंधक। ऐसे में 15 अक्टूबर के बाद स्कूलों में कक्षाओं का संचालन कैसे हो पाएगा ये तो वक्त ही बताएगा। फिलहाल शिक्षा विभाग जिलाधिकारियों, अभिभावकों और स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर रिपोर्ट तैयार कर रहा है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की योजना बनाई जाएगी।