उत्तराखंड देहरादूनWorld class stadium will be built in Uttarakhand

उत्तराखंड में बनेंगे वर्ल्ड क्लास स्टेडियम, पढ़िए खेल और खिलाड़ियों से जुड़ी अच्छी खबर

प्रदेश के दोनों मंडल कुमाऊं और गढ़वाल में खेल एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम बनाए जाएंगे। जानिए खेल के क्षेत्र में और क्या-क्या अहम बदलाव किए जाएंगे-

Uttarakhand Sports Department: World class stadium will be built in Uttarakhand
Image: World class stadium will be built in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने खेल विभाग को यह निर्देश दिए हैं कि वह खेल नीति के प्रस्ताव को जल्द से जल्द कैबिनेट की बैठक में प्रस्तुत करें। खेल नीति में ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंच बनाने का और वहां के युवाओं को खेल के प्रति जागरूक एवं प्रोत्साहित करने का प्रावधान है। इस नीति से ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने का अवसर भी मिलेगा। वहीं इसपर कार्यवाही करते हुए खेल विभाग ने खेल नीति के ड्राफ्ट में राज्य में खेलों का आधारभूत मजबूत करने की बात कही है। प्रदेश के दोनों मंडल कुमाऊं और गढ़वाल में खेल एवं खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम बनाए जाएंगे और ग्रामीण क्षेत्रों में खेलों का विकास करने के लिए ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, नगर क्षेत्र, स्कूल एवं महाविद्यालय में खेल मैदान का निर्माण करवाएंगे। ड्राफ्ट में यह भी कहा गया है के ग्राम पंचायत में एक क्षेत्र पंचायत में दो और नगर पंचायत में कम से कम पांच खेलों के मैदान बनाए जाएंगे ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे बच्चे भी खेलों के प्रति प्रोत्साहित हो सकें।

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खेल विभाग द्वारा सभी खेलों के लिए अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई हैं। पहली श्रेणी के अंदर कॉमनवेल्थ गेम्स एशियन गेम और ओलंपिक में खेले जाने वाले सभी खेलों को शामिल किया गया है। गैर कोर खेल में भारत सरकार की खेल मंत्रालय से मान्यता प्राप्त किए गए खेल शामिल हैं। वहीं परंपरागत खेलों में ग्रामीण क्षेत्रों में खेले जाने वाले खेल शामिल हैं। उच्च प्राथमिकता खेलों में जूडो, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, कयाकिंग, रोइंग एवं कैनोइंग, ताइक्वांडो, शूटिंग, फुटबाल, कराटे को शामिल किया गया है। द्वितीय प्राथमिकता या मध्यम श्रेणी में खेल-वॉलीबाल, हैंडबाल, टेबल टेनिस, भारोत्तोलन, कबड्डी, बास्केटबाल, हॉकी, कुश्ती, तीरंदाजी, तलवारबाजी आदि खेलों को सम्मिलित किया गया है। तृतीय श्रेणी खेल में वो खेल शामिल किए गए हैं जो खेल ऊपर की दोनों श्रेणियों में शामिल नहीं किए गए हैं और जिन खेलों में उत्तराखंड के खिलाड़ियों का प्रदर्शन बाकी सबसे बेहद कम है। आगे पढ़िए

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परंपरागत खेलों में ग्रामीण क्षेत्रों में खेले जाने वाले परंपरागत खेल सम्मिलित किए गए हैं। खेल से जुड़े विद्यार्थियों के लिए ड्राफ्ट में खास प्रावधान भी रखे गए हैं। उन विद्यार्थियों को महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए 5 फीसदी कोटा मिलेगा। राज्य में पदक विजेताओं को समूह क, ख और ग में नियुक्ति भी दी जाएगी। उत्कृष्ट खिलाड़ियों को पदोन्नति और वेतन में वृद्धि भी मिलेगी। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रहे खिलाड़ियों का बीमा किया जाएगा। राजकीय सेवाओं में कुशल खिलाड़ियों के लिए 4 फीसदी क्षैतिज खेल कोटा रहेगा। राज्य परिवहन निगम की बस में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी को निशुल्क यात्रा रहेगी। इसी के साथ खेल विभाग द्वारा खेल को प्रोत्साहन देने के लिए खेल क्षेत्र में युवाओं के लिए स्वरोजगार के कोर्स भी शुरू कराए जाएंगे।