देहरादून: राज्य में कोरोना का प्रकोप थम नहीं रहा है तो अब सब इसी के साथ जीने की आदत डाल रहे हैं। धीरे-धीरे करके सावधानी बरतते हुए लोग वापस से काम पर जा रहे हैं। कोरोना काल के बीच अनलॉक-5 की प्रक्रिया के तहत अब लगभग सभी सेवाओं को बहाल किया जा चुका है। धीरे-धीरे कर सब कुछ वापस पटरी पर उतर रहा है। वहीं जिस फैसले का स्कूलों समेत सभी विद्यार्थियों को बेसब्री से इंतजार था वो फैसला भी लिया जा चुका है। जी हां, अनलॉक-5 की प्रक्रिया ने लॉकडाउन के बाद से ही बंद पड़े स्कूलों को खोलने का फैसला आखिर आ ही गया है। लंबे समय से स्कूलों को खोलने को लेकर कई अफवाहें उड़ रही थीं मगर बच्चों की सेफ्टी को देखते हुए स्कूलों को फिर से संचालित करने का फैसला नहीं लिया गया था। अब आखिरकार आने वाले 2 नवंबर से कई महीनों से बंद पड़े बोर्डिंग स्कूलों समेत सभी स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया है।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: प्रेमी की खातिर पहाड़पानी से हल्द्वानी आई शादीशुदा महिला..प्रेमी गहने लेकर फुर्र
इसके लिए बकायदा शिक्षा विभाग द्वारा एसओपी का खाका भी तैयार कर लिया गया है। जी हां, आने वाले 2 नवंबर से दसवीं और बारहवीं कक्षा के छात्रों को स्कूल आने की अनुमति दी जा रही है। अभिभावकों और शिक्षकों की राय के बाद प्रथम चरण में केवल इन्हीं दोनों कक्षाओं के विद्यार्थियों को स्कूल में बुलाने का निर्णय लिया गया है। इसी के तहत राज्य में बोर्डिंग स्कूलों के लिए भी कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सख्त मानक तय किए गए हैं। राज्य में बोर्डिंग स्कूलों की संख्या ज्यादा है जिसको देखते हुए सामान्य स्कूलों के साथ ही बोर्डिंग स्कूलों को भी खोलते समय सख्त मानक तय किए गए हैं। राज्य में स्कूलों को खोलने के लिए एसओपी का खाका भी तैयार कर लिया गया है।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में LT शिक्षकों के 1431 पदों पर सीधी भर्ती, शुरू हुआ रजिस्ट्रेशन..ऐसे करें आवेदन
आज शिक्षा निदेशालय यह एसओपी का ड्राफ्ट सरकार को सौंपेगा। शिक्षा विभाग द्वारा प्रस्तावित एसओपी पर स्वास्थ्य विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग से राय लेने के बाद आपसी सहमति के बाद ही इसको लागू किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूपी सरकार की एसओपी के आधार पर ही राज्य के एसओपी का खाका भी तैयार किया जा रहा है। यूपी में 9वी से लेकर 12वीं तक की सभी कक्षाओं को खोला जा रहा है। मगर यूपी में बोर्डिंग स्कूल के लिए मानक तय नहीं किए गए हैं। वहीं उत्तराखंड राज्य में बोर्डिंग स्कूलों की संख्या ज्यादा होने की वजह से एसओपी में कुछ बदलाव किए गए हैं और उसको और अधिक विस्तार दिया गया है। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर ने बताया कि शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई बैठक में एसओपी का रूप काफी हद तक तैयार कर लिया गया है। राज्य के परिप्रेक्ष्य में कुछ अन्य पहलुओं को भी इसमें अलग से शामिल किया गया है। वहीं शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम का कहना है कि यह ड्राफ्ट जल्द ही स्वस्थ और अब तक प्रबंधन विभाग को दे दिया जाएगा और उनके सुझावों को भी इसमें सम्मिलित किया जाएगा।