उत्तराखंड बागेश्वरDiphtheria disease in Bageshwar

उत्तराखंड: पहाड़ में कोरोनावायरस के बीच गलाघोंटू का खौफ..8 बच्चे बीमार, 1 बच्चे की मौत

दस्तक दे दी है और अब तक 8 बच्चों को यह बीमारी चपेट में ले चुकी है। बीती देर रात को भी बागेश्वर के सिमखेत गांव में एक 12 वर्ष की मासूम बच्ची की मौत हो गई। आगे पढ़िए पूरी खबर

Bageshwar News: Diphtheria disease in Bageshwar
Image: Diphtheria disease in Bageshwar (Source: Social Media)

बागेश्वर: बागेश्वर से एक बेहद चिंताजनक खबर सामने आ रही है। कोरोनावायरस के बीच बागेश्वर जिले में एक और बीमारी ने गलाघोंटू संक्रमण यानी कि डिप्थीरिया बीमारी ने दस्तक दे दी है जो कि बेहद घातक साबित हो रही है और अब तक 8 बच्चों को अपनी चपेट में ले चुकी है। यहां गलाघोंटू संक्रमण यानी कि डिप्थीरिया बीमारी तेजी से फैल रही है जिसकी चपेट में आकर अब तक 8 बच्चों की जान जा चुकी है। बीती देर रात को भी बागेश्वर के सिमखेत गांव में एक 12 वर्ष की मासूम बच्ची की मौत हो गई। इससे पहले जिले में डिप्थीरिया बीमारी के कारण 7 बच्चों की मौत हो चुकी है। बता दें कि इस बीमारी का असर अधिकतर छोटे बच्चों पर पड़ रहा है और उनकी जान के ऊपर भी काफी रिस्क बना हुआ है जिस वजह से वहां के लोग काफी परेशान हो रखे हैं। 8 बच्चों की मृत्यु होने से स्वास्थ विभाग भी टेंशन में आ रखा है

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कुछ दिनों से बागेश्वर जिले में इस जानलेवा बीमारी का खौफ अपने चरम पर है और यह छोटे बच्चों को अपना शिकार बना रही है जिस कारण लोगों के बीच चिंता पसरी हुई है। अब तक 8 बच्चे इस बीमारी का शिकार बन चुके हैं और उनकी मृत्यु हो चुकी है। बीती देर रात को भी एक बच्ची की डिप्थीरिया से मृत्यु हो गई। बच्ची की उम्र महज 12 वर्ष बताई जा रही है। बागेश्वर के सिमखेत गांव के निवासी हरीश सिंह की 12 वर्षीय बेटी हर्षिता तकरीबन 1 हफ्ते पहले गलाघोंटू बीमारी की चपेट में आ गई थी। तबीयत खराब होने पर परिजन उसको जिला अस्पताल लेकर गए थे जहां पर बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मनीषा पंत ने हर्षिता का इलाज भी किया था जिसमें बच्ची के अंदर डिप्थीरिया के लक्षण मिले। बच्ची के स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर परिजन उसको हल्द्वानी ले आए जहां पर इलाज के दौरान बच्ची ने बीती रात दम तोड़ दिया जिसके बाद बच्ची के परिवार में कोहराम मचा हुआ है और उसके परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

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बागेश्वर में स्वास्थ्य विभाग भी बेहद चिंता में आ रखा है। इस बीमारी ने सभी के होश उड़ा रखे हैं। सबसे चिंता की बात यह है कि यह बीमारी भी कोरोना की तरह ही फैलती है। अर्थात किसी डिप्थीरिया संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से दूसरे व्यक्ति को भी यह बीमारी होने की संभावनाएं हैं। बीमारी के बाद हुई मृत्यु के बाद से सिमखेत गांव में सभी लोग दहशत में हैं। वहीं गांव के निवासियों ने स्वास्थ्य विभाग से गांव में शिविर लगाकर बच्चों का टीकाकरण कर इलाज करने की मांग भी की है। इससे पहले भी इस बीमारी ने बागेश्वर जिले के कपकोट तहसील में कोहराम मचाया था और वहां भी कई बच्चों को भी चपेट में लिया था। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर बीडी जोशी ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैजनाथ के डॉक्टर गांव पर निगरानी रखे हुए हैं और गांव में बीपीडी यानी कि वैल्यू ऑफ सेक्शन एक्शन एवं डिप्थीरिया का टीकाकरण भी शुरू हो गया है। डॉक्टरों के मुताबिक डिप्थीरिया नामक बैक्टीरिया से यह बीमारी फैलती है। इस बीमारी को ही गलाघोंटू बीमारी कहा जाता है। यह एक प्रकार की संक्रामक बीमारी होती है जो संक्रमित के संपर्क में आने या उसके द्वारा उपयोग में लाई गई किसी भी चीज को छूने से फैल सकती है।