उत्तराखंड देहरादूनKanupriya rawat selected for research in Poland

गढ़वाल की कनुप्रिया रावत को बधाई..भारत की इकलौती छात्रा, जो पोलैंड में करेंगी रिसर्च

यूरोप के पोलैंड की प्रसिद्ध काजिमिज विल्कि यूनिवर्सिटी में भारत से क्लिनिकल साइकोलॉजी में साइकोलॉजिस्ट के तौर पर रिसर्च के लिए देहरादून के रायवाला की निवासी कनुप्रिया रावत को चुना गया है।

Kanupriya rawat: Kanupriya rawat selected for research in Poland
Image: Kanupriya rawat selected for research in Poland (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड की बेटियां देश और विदेश में राज्य का नाम लगातार रोशन कर रही हैं और राज्य का सिर गर्व से ऊंचा कर रही हैं। शिक्षा हो या खेलकूद उत्तराखंड की बेटियां हर क्षेत्र में इतिहास रच रही हैं। इसी सूची में अपना नाम शुमार किया है उत्तराखंड की एक काबिल और होनहार बेटी कनुप्रिया रावत ने। बता दें कि यूरोप के पोलैंड की प्रसिद्ध काजिमिज विल्कि यूनिवर्सिटी में भारत से क्लिनिकल साइकोलॉजी में साइकोलॉजिस्ट के तौर पर रिसर्च के लिए देहरादून के रायवाला की निवासी कनुप्रिया रावत को चुना गया है। वह भारत से चुनी गईं एकलौती स्कॉलर हैं जो पोलैंड में रिसर्च करेंगी। कुल 5 विद्यार्थी ही रिसर्च के लिए चुने गए हैं,कनुप्रिया उनमें से एक हैं। यह उत्तराखंड के लिए एक गर्व की बात है कि वहां की बेटी अब विदेश में जाकर क्लिनिकल साइकोलॉजी में रिसर्च करेंगी। वहीं पहाड़ की होनहार बेटी का मकसद भी बेहद शानदार है। उनका मानना है कि क्लिनिकल साइकोलॉजी में रिसर्च काफी कम हुई है इसलिए उन्होंने इसको अपना रिसर्च का विषय चुना। उनका कहना है कि वह राज्य में मेंटल हेल्थ अवेयरनेस फैलाना चाहती हैं और लोगों को यह बताना चाहती हैं कि मानसिक बीमारी को अगर सीरियसली नहीं लिया गया तो यह बेहद घातक साबित हो सकती है।

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देवभूमि की काबिल बेटी कनुप्रिया रावत यूरोप में रिसर्च करेंगी जिसके बाद उनके घर समेत पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर है। वह मूल रूप से चमोली की रहने वाली हैं। वहीं बीते शनिवार को अंतरराष्ट्रीय गढ़वाल महासभा ने उनको सम्मानित भी किया। देहरादून रोड पर स्थित प्रदेश कार्यालय में दुर्गा अष्टमी के मौके पर महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजेश सिंह नेगी एवं समाजसेवी मधु अस्वाल द्वारा काबिल बेटी कनुप्रिया रावत को शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया और उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं। डॉ राजेश सिंह नेगी ने बताया कि रायवाला की निवासी कनुप्रिया रावत को यूरोप के पोलैंड की प्रसिद्ध काजिमिज विल्कि यूनिवर्सिटी में पूरे भारत से क्लीनिकल साइकोलॉजी में रिसर्च करने के लिए चुना गया है। कनुप्रिया रावत की पढ़ाई का पूरा खर्चा भी यूनिवर्सिटी ही उठाएगी। यूनिवर्सिटी ने कुल 5 रिसर्च स्कॉलर को चुना है जिसमें से उत्तराखंड की बेटी कनुप्रिया भी एक है। कनुप्रिया भारत की एकमात्र स्टूडेंट हैं जो क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट के तौर पर पोलैंड रिसर्च करने जाएंगी। कनुप्रिया अगले महीने पोलैंड के लिए रवाना होंगी। उन्होंने 2018 में देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार से एमएससी पूरी की थी और लॉक डाउन के दौरान उन्होंने पीएचडी के लिए तैयारी भी की थी और पोलैंड में उनका सेलेक्शन हो गया।

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कनुप्रिया रावत वह अपने भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं। उनकी छोटी बहन निधि रावत वॉलीबॉल की नेशनल खिलाड़ी रही हैं और वर्तमान में वे योग शिक्षिका के रूप में कार्य कर रही हैं। कनुप्रिया मूल रूप से चमोली जिले में थाने के पास गूंगा गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता पुलिस में अधिकारी थे जिनका कुछ ही वर्षों पहले देहांत हो गया था। कनुप्रिया भारत की इकलौती रिसर्चर हैं जो विदेश में क्लिनिकल साइकोलॉजी की रिसर्च करने जा रही हैं। उनका कहना है कि भारत में साइकोलॉजी के ऊपर ज्यादा रिसर्च नहीं हुई है और मानसिक तौर पर लोग बेहद परेशान हैं। ऐसे में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट की भूमिका काफी अहम हो जाती है। बस इसीलिए उनको इस फील्ड में आगे आना है ताकि वे मेंटल हेल्थ के बारे में अवेयरनेस फैलास सकें। उन्होंने कहा कि मानसिक बीमारी को पहचाना और उसको ठीक करना बेहद जरूरी है। काउंसलिंग और क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट की मदद से मानसिक बीमारी ठीक हो सकती है। कनुप्रिया ने कहा कि वह अपनी पढ़ाई पूरी कर वापस उत्तराखंड में आएंगी और लोगों को अपनी सेवा प्रदान करेंगी।