उत्तराखंड देहरादूनRj kaavya announces his own radio station

उत्तराखंड: खत्म हुआ इन्तज़ार..RJ काव्य ने कर दिया बड़ा ऐलान

सोशल मीडिया पर आरजे काव्य से अक्सर पूछा जाता है कि - आपकी आवाज़ रेडियो के ज़रिए पहाड़ों में कब सुनाई देगी?

Rj kaavya: Rj kaavya announces his own radio station
Image: Rj kaavya announces his own radio station (Source: Social Media)

देहरादून: आरजे काव्य - देव भूमि उत्तराखंड के लिए ये एक ऐसा नाम है, जिसे क्या पहाड़ और क्या प्लेन, हर कहीं भरपूर प्यार मिलता है. आरजे काव्य को देवभूमि के लोग अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं और आरजे काव्य ख़ुद को "उत्तर का पुत्तर" कहते हुए गर्व महसूस करते हैं कि - उनका जन्म इस पावन देवभूमि में हुआ है. एफ.एम. रेडियो के क्षेत्र में इन्होंने रेडियो जॉकी के तौर पर अपना मुक़ाम बनाया और पिछले 12 सालों में इन्होंने रेडियो में जो कुछ भी सीखा उस नॉलेज को उत्तराखंड की भलाई के लिए लगाया. उत्तराखंड की संस्कृति, यहां का खानपान, म्यूज़िक, पहनावा, बोलचाल - ये सारी चीजें अपने आप में समृद्ध हैं. लेकिन कहीं ना कहीं आज के मॉडर्न हो रहे ज़माने में वो अपना पहचान खो रही थीं. पर आरजे काव्य ने अपने रेडियो प्रोग्राम्स, अपनी पहल "एक पहाड़ी ऐसा भी" और अपने सोशल मीडिया के ज़रिए इस खोती पहचान को संजोने की कोशिश की और निरंतर करते आ रहे हैं. अपने पहाड़ों के लिए कुछ अलग करने का जज़्बा लेकर आज से लगभग 3 साल पहले जब आरजे काव्य उत्तराखंड लौटे, तभी से इनकी कोशिश रही कि रेडियो को लोगों की आवाज़ बनाएंगे. क्योंकि आरजे काव्य हमेशा कहते हैं कि - उत्तराखंड में देहरादून तो दिखता है, पर देहरादून में उत्तराखंड नहीं दिखता है.

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इसी ख़ालीपन को पूरा करने के लिए आरजे काव्य ने एक साहस भरा क़दम उठाया है और 9 नवंबर "उत्तराखंड दिवस" के दिन वो अनाउंस कर चुके हैं कि - वो उत्तराखंड के गांव गांव की बात पूरी दुनिया तक पहुंचाने के लिए अपना ख़ुद का एफ.एम. रेडियो स्टेशन ला रहे हैं - ओहो रेडियो, उत्तराखंड. मेरे हिल की धड़कन. "सोच लोकल, अप्रोच ग्लोबल" का विज़न लिए संगीत, शिक्षा, साहित्य, स्पोर्ट्स, करियर, पलायन, समाज और उत्तराखंड की हर बात को ओहो रेडियो अपनी आवाज़ देगा या यूं कहें आपके दिलों में धड़कन बनकर धड़केगा. ओहो रेडियो उत्तराखंड का पहला ऑनलाइन रेडियो होगा, जो मोबाइल ऐप के ज़रिए आप तक पहुंचेगा और पूरे उत्तराखंड के साथ-साथ दुनिया भर में जहां कहीं भी इंटरनेट चलता है, वहां आप ओहो रेडियो को सुन पाएंगे. क्योंकि, आप लोग सोशल मीडिया पर हमेशा आरजे काव्य से पूछते थे कि - उनकी आवाज़ रेडियो के ज़रिए पहाड़ों में कब सुनाई देगी? आपके इसी सवाल का जवाब है ओहो रेडियो उत्तराखंड. बस इंतज़ार कीजिए और हमेशा की तरह अपना प्यार और सपोर्ट अपने उत्तर का पुत्तर आरजे काव्य को देते रहिए. जल्दी ही ये बुलंद आवाज़ "आप की आवाज़" बनकर ओहो रेडियो पे उत्तराखंड की वादियों में गूंजती सुनाई देगी.