उत्तराखंड अल्मोड़ाResearchers develop new species of mandua

अब पहाड़ में उगेगा सफेद कोदा, वैज्ञानिकों ने विकसित की नई प्रजाति..जानिए बेमिसाल खूबियां

आमतौर पर मंडुवा भूरे रंग का होता है, लेकिन जल्द ही पहाड़ में सफेद रंग के कोदे की खेती होने लगेगी। कृषि वैज्ञानिकों ने मंडुवे की नई प्रजाति विकसित की है।

White Mandua: Researchers develop new species of mandua
Image: Researchers develop new species of mandua (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: मंडुवा पहाड़ के खान-पान का अहम हिस्सा है। कभी सिर्फ पहाड़ी इलाकों में इस्तेमाल होने वाला कोदा अब शहरों में भी पसंद किया जा रहा है। इसकी डिमांड बढ़ रही है, कोदे से नए-नए व्यंजन तैयार किए जा रहे हैं। आमतौर पर मंडुवा भूरे रंग का होता है, लेकिन जल्द ही पहाड़ में सफेद रंग के कोदे की खेती होने लगेगी। विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान अल्मोड़ा ने मंडुवा की नई प्रजाति तैयार की है। जिसे वीएल मंडुवा-382 नाम दिया गया है। भूरे की बजाय सफेद रंग के मंडुवे की प्रजाति का विकसित होना एक बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए कृषि वैज्ञानिकों की तारीफ करनी होगी।

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विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिक इस प्रजाति के उत्पादन को लेकर काफी खुश हैं। साल 2021 से इस प्रजाति का बीज काश्तकारों को उपलब्ध कराया जाएगा। पहाड़ की परंपरागत फसलों में मंडुवा का विशेष महत्व है। राज्य में करीब 135 हजार हेक्टेयर भूमि पर मंडुवे की खेती होती है। मंडुवा पौष्टिकता से भरपूर है, लेकिन आज भी गहरे भूरे रंग का होने की वजह से बाजार में मंडुवे की डिमांड कम है। अब वैज्ञानिकों ने सफेद रंग के मंडुवे की प्रजाति विकसित कर ली है। विवेकानंद पर्वतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, अल्मोड़ा के निदेशक डॉ. लक्ष्मीकांत कहते हैं कि तीन साल तक उत्तराखंड के संस्थान के अलग-अलग परीक्षण केंद्रों में सफेद मंडुवा का उत्पादन किया गया।

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मंडुवा की यह प्रजाति सफेद अनाज की विशेष किस्म है। जिसे 13 अप्रैल 2016 को कृषि निदेशालय, देहरादून में हुई राज्य प्रजाति परीक्षण बैठक के दौरान उत्तराखंड में रिलीज के लिए चिह्नित किया गया है। वैज्ञानिकों ने इस प्रजाति को डब्ल्यूआर-2 एवं वीएल 201 किस्मों के क्रास कर के विकसित किया है। चलिए अब आपको सफेद कोदे के पौष्टिक गुणों के बारे में बताते हैं। भूरे रंग के वीएल मंडुवा-324 के प्रति 100 ग्राम में कैल्शियम 294 मिलीग्राम और प्रोटीन 6.6 फीसदी होता है। जबकि सफेद मंडुवे के प्रति 100 ग्राम में कैल्शियम 340 ग्राम होता है। इसमें 8.8 फीसदी प्रोटीन होता है। पौष्टिक तत्वों से भरपूर और सफेद रंग के दाने के चलते इसे भूरे रंग के बीज वाली किस्मों की तुलना में ज्यादा पसंद किया जाएगा। यह किसानों को भूरे रंग के मंडुवे की किस्मों के लिए एक नया विकल्प प्रदान करेगा।