देहरादून: अगर आपको हरे-भरे जंगलों से प्यार है, पर्यावरण को सहेजना चाहते हैं, तो अब आप वन प्रहरी बन अपने इस सपने को पूरा कर सकते हैं। राज्य में 10 हजार वन प्रहरियों की भर्ती शुरू होने वाली है। जो लोग शहरों से रोजगार गंवा कर गांव लौट आए हैं, उनके लिए भी सरकारी नौकरी हासिल करने का शानदार मौका है। राज्य सरकार वन विभाग के माध्यम से लोगों को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में कार्य कर रही है। इसके तहत राज्य में 10 हजार वन प्रहरियों की तैनाती की जानी है। भौगोलिक लिहाज से वन विभाग उत्तराखंड का सबसे बड़ा महकमा है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल में वन प्रहरी के तौर पर 10 हजार लोगों को रोजगार देने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद विभाग भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने के लिए मसौदा तैयार करने में जुट गया है।
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वन विभाग ने कैंपा की अतिरिक्त वार्षिक कार्ययोजना में इसके लिए 265 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है। इस तरह वन प्रहरियों को दिए जाने वाले मानदेय की व्यवस्था उत्तराखंड प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण कैंपा से की जाएगी। वन प्रहरी को कितना मानदेय मिलेगा, ये भी बताते हैं। मानदेय के तौर पर वनकर्मी को 8 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। फिलहाल तो सिर्फ केंद्र से हरी झंडी मिलने का इंतजार है। राष्ट्रीय कैंपा की जल्द ही बैठक होने वाली है। जिसमें प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। उसके बाद नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। वन प्रहरियों को फायर सीजन में वनों को आग से बचाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। साथ ही वन और वन्यजीव संरक्षण से जुड़ी गतिविधियों में भी उनकी सेवाएं ली जाएंगी।