उत्तराखंड देहरादूनChhath Puja Guidelines in Uttarakhand

उत्तराखंड में छठ पूजा के लिए गाइडलाइन जारी..नदियों-नहरों किनारे आयोजनों पर रोक

नदी और नहरों के किनारे उमड़ने वाली भीड़ से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। यही वजह है कि देहरादून और हरिद्वार प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों पर छठ के आयोजन पर रोक लगा दी है।

Uttarakhand Chhath Puja Guideline: Chhath Puja Guidelines in Uttarakhand
Image: Chhath Puja Guidelines in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: देशभर में लोक आस्था का महापर्व छठ मनाया जा रहा है। बुधवार को नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत हो गई। गुरुवार को दूसरे दिन खरना व्रत है। छठ पूजा पर श्रद्धालु नहरों, घाट और नदी किनारे बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य देते हैं, लेकिन इस बार लोगों को छठ पर्व घर पर रहते हुए ही मनाना पड़ेगा। घाट किनारे उमड़ने वाली भीड़ से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। यही वजह है कि देहरादून और हरिद्वार प्रशासन ने सार्वजनिक स्थानों पर छठ के आयोजन पर रोक लगा दी है। घरों में रहकर ही पूजन और अर्घ्य दिया जाएगा। छठ पर्व के अवसर पर नदी-नहरों किनारे लोगों के इकट्ठा होने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। ऐसे किसी भी खतरे से निपटने के लिए प्रशासन की तरफ से छठ पर्व के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। इसके अनुसार 10 साल से कम उम्र के बच्चों का पूजा के दौरान विशेष ध्यान रखने और 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को पूजन से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी गई है। लोग घाटों पर इकट्ठा नहीं हो पाएंगे। घरों के आसपास भी लोग सीमित संख्या में एकत्रित होंगे और सोशल डिस्टेंसिंग रूल का अनिवार्य रूप से पालन करेंगे। मास्क पहनने की अनिवार्यता भी लागू की गई है। आदेश में कंटेनमेंट जोन में पूजा का आयोजन प्रतिबंधित रखने की बात कही गई है। नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी

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इस तरह नदियों, घाटों और नहरों के पास सार्वजनिक पूजन पर प्रतिबंध लगाया गया है। चार दिन तक चलने वाले छठ महापर्व में किस दिन क्या होगा, ये भी जान लें। बुधवार को नहाय खाय के साथ छठ पर्व की शुरुआत हुई। श्रद्धालुओं ने छठ मैया के गीत और भजन गाकर विशेष पूजा-अर्चना की। दूसरे दिन गुरुवार को खरना है। जिसमें छठ मैया की पूजा के बाद व्रती 36 घंटे का निर्जला उपवास रखेंगी। 20 नवंबर को तीसरे दिन घाट किनारे जल में खड़े होकर डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। 21 नवंबर को अंतिम दिन अर्घ्य देने के बाद व्रत खोलकर प्रसाद बांटा जाएगा। प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए इस बार छठ पर्व घरों में रहकर ही मनाना होगा। देहरादून और हरिद्वार जिला प्रशासन ने इसके लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं।