देहरादून: पुलिस जनता की सेवा के लिए है, लेकिन आज भी आम लोग पुलिस और पुलिस थानों से दूर ही रहना पसंद करते हैं। वजह है पुलिसवालों का व्यवहार और उनकी नेगेटिव छवि। कुछ पुलिस अफसर इस छवि को बदलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन महकमे के ही लोग उनकी कोशिशों को कामयाब नहीं होने दे रहे। अब देहरादून में ही देख लें। यहां एक परिवार अपने बच्चों के साथ कहीं जा रहा था। तभी क्षेत्र में तैनात एक दरोगा ने उनकी गाड़ी को रोक लिया। आरोप है कि चेकिंग के नाम पर दरोगा ने परिवारवालों के साथ बदसलूकी की। उन्हें भद्दी बातें कही। दरोगा ने ना तो गाड़ी में बैठी महिलाओं का लिहाज किया और ना ही बच्चों का। इस मामले में ताजा अपडेट ये है कि आरोपी दरोगा के खिलाफ एक्शन ले लिया गया है। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद देहरादून के डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने आरोपी दरोगा को तुरंत सस्पेंड कर दिया। डीआईजी अरुण मोहन जोशी की गिनती सूबे के तेजतर्रार पुलिस अफसरों में होती है। उनकी ईमानदारी की मिसाल दी जाती है। लापरवाह पुलिसकर्मियों के बीच वो खौफ का सबब बने हुए हैं। डीआईजी कहते रहे हैं कि कानून सबके लिए बराबर है। कोई जनता के साथ बदसलूकी करते दिखा तो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
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अपने विभाग के दरोगा के खिलाफ एक्शन लेकर डीआईजी ने इस बात को साबित भी कर दिया। चलिए आपको पूरा मामला भी बताते हैं। कुछ दिन पहले नेहरू कॉलोनी क्षेत्र में एक परिवार अपने बच्चों के साथ कहीं जा रहा था। तभी दरोगा ने चेकिंग के नाम पर उनकी गाड़ी रुकवा ली। आरोप है कि इस दौरान दरोगा ने परिवार के लोगों के साथ बदसलूकी की। दरोगा का व्यवहार देखकर परिवार असहज हो गया। बच्चे बुरी तरह डर गए। इस बीच परिवार ने पूरी घटना का वीडियो बना लिया। बाद में इस वीडियो को उन्होंने डीआईजी अरुण मोहन जोशी को भेज दिया। पीड़ित परिवार को डीआईजी से इंसाफ मिलने की पूरी उम्मीद थी। ऐसा ही हुआ भी। वीडियो मिलने पर डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने आरोपी दरोगा को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया। उसके खिलाफ जांच भी बैठाई गई है। मामले की जांच सीओ नेहरू कॉलोनी को सौंपी गई है।