देहरादून: बदलते वक्त के साथ अपराध के तौर-तरीके भी बदले हैं। अपराधी हाइटेक हो गए हैं, टेक सेवी हो गए हैं, ऐसे में अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस को भी स्मार्ट बनने की जरूरत है। उत्तराखंड में इस परियोजना पर काम शुरू हो गया है। उत्तराखंड पुलिस को स्मार्ट बनाने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में छह कमेटियों का गठन किया है। नवनियुक्त पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार ने इन कमेटियों का गठन कर उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश दिए। यह कमेटियां भविष्य की चुनौतियों से निपटने लिए कार्ययोजना प्रस्तुत करेंगी। ताकि कानून व्यवस्था बनाए रखने, ट्रैफिक संचालन, ड्रग्स रोकथाम और साइबर अपराध से निपटने के लिए स्मार्ट तरीकों को अपनाया जा सके। इसके साथ ही पुलिस वेलफेयर और पुलिस आधुनिकीकरण पर भी नए सिरे से काम किया जाएगा।
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उत्तराखंड पुलिस का चेहरा बदलने वाली इन कमेटियों के बारे में भी बताते हैं। ऑपरेशनल प्रोफेशनल कमेटी का अध्यक्ष पुलिस महानिरीक्षक एपी अंशुमान को बनाया गया है। उपाध्यक्ष पुलिस नीलेश आनंद भरणे के पास उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी है, जबकि पुलिस अधीक्षक अजय सिंह सदस्य हैं। इसी तरह मैनपावर रिव्यू कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी पुलिस महानिरीक्षक पुष्पक ज्योति, उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी पुलिस उपमहानिरीक्षक एनएस नपलच्याल को दी गई है। पुलिस अधीक्षक अजय सिंह सदस्य बनाए गए हैं। बजट रिव्यू कमेटी के अध्यक्ष पुलिस महानिरीक्षक वी. मुरुगेशन हैं, उपाध्यक्ष सहायक पुलिस महानिरीक्षक मुकेश चौहान बनाए गए हैं। वेलफेयर कमेटी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी पुलिस महानिरीक्षक अभिनव कुमार को दी गई। उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक अजय सिंह संभालेंगे। पुलिस उपाधीक्षक चक्रधर अंथवाल सदस्य हैं।
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इसी तरह मॉर्डनाइजेशन कमेटी और ट्रैफिक कमेटी भी बनाई गई है। मॉर्डनाइजेशन कमेटी में पुलिस महानिरीक्षक अमित सिन्हा, उप महानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल और अपर पुलिस अधीक्षक ममता वोहरा शामिल हैं। ट्रैफिक कमेटी के अध्यक्ष निदेशक यातायात केवल खुराना बनाए गए हैं। जबकि पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल को उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई। इस तरह नवनियुक्त डीजीपी अशोक कुमार पुलिस का चेहरा बदलने के लिए व्यापक योजना बना रहे हैं। उनका कार्यकाल एक दिसंबर से शुरू होना है। उससे पहले ही उन्होंने विस्तृत कार्ययोजना पर काम शुरू कर दिया है। डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि वर्तमान में पुलिस को स्मार्ट (सेंसेटिव, मॉडर्न, अलर्ट, रिलाइबल और टेक सेवी) बनाना, समय की मांग है। इसके लिए व्यापक कार्ययोजना प्रस्तुत करने के लिए छह कमेटियों का गठन किया गया है। ये कमेटियां भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए कार्ययोजना तैयार करेंगी।