उत्तराखंड देहरादून4 leaders of Uttarakhand died in the year 2020

उत्तराखंड की राजनीति के लिए काला अध्याय रहा 2020...कोरोना काल ने छीन लिए 4 दिग्गज नेता

इस साल कोरोना काल में देश ही नहीं बल्कि प्रदेश ने भी कई दिग्गज नेताओं को खो दिया। ये लोग उत्तराखंड की राजनीति में विशेष पहचान रखते थे।

Sundar Lal Mandarwal: 4 leaders of Uttarakhand died in the year 2020
Image: 4 leaders of Uttarakhand died in the year 2020 (Source: Social Media)

देहरादून: पूरी दुनिया के लिए साल 2020 बहुत ही बुरा रहा है। साल की शुरुआत में ही जहां कोरोना की काली छाया के चलते पूरी दुनिया थम गई तो वहीं उत्तराखंड के इतिहास के लिए भी ये साल काला अध्याय बन चुका है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लोगों की जान जा रही है। इस साल कोरोना काल में देश ही नहीं बल्कि प्रदेश ने भी कई दिग्गज नेताओं को खो दिया। उत्तराखंड की कई राजनीतिक हस्तियां कोरोना की चपेट में आकर असमय ही काल के गाल में समा गईं। ये लोग उत्तराखंड की राजनीति में विशेष पहचान रखते थे। उत्तराखंड में कोरोना काल में जान गंवाने वाले राजनेताओं में पहला नाम बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह जीना का है। सल्ट विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सुरेंद्र सिंह जीना का असमय चले जाना सबको रुला गया। उनकी बेदाग छवि, हंसमुख चेहरा और समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा सबको प्रभावित करता था। वो ना सिर्फ पक्ष के बल्कि विपक्ष के लिए भी एक प्रिय नेता थे। विधायी कार्यवाही के जानकार सुरेंद्र सिंह जीना लोकप्रिय जननेताओं में से एक थे। आगे पढ़िए

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कुछ दिन पहले कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुसूया प्रसाद मैखुरी का भी देहांत हो गया। दो बार कर्णप्रयाग विधानसभा से विधायक रहे डॉ. अनुसूया प्रसाद मैखुरी मृदुभाषी और सरल स्वभाव के धनी थे। वो जीवनभर सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा लेते रहे। विधानसभा में उपाध्यक्ष की भूमिका भी निभाई। पौड़ी के पूर्व विधायक और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता सुंदरलाल मंद्रवाल भी नहीं रहे। पौड़ी विधानसभा क्षेत्र के लिए वो जीवनभर काम करते रहे। सुंदरलाल मंद्रवाल एक प्रख्यात समाजसेवी एवं राजनेता थे। इस साल वरिष्ठ राजनेता कृष्ण चंद्र पुनेठा का भी निधन हो गया। वो अविभाजित उत्तर प्रदेश में पिथौरागढ़ विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे थे। उत्तराखंड राज्य बनने के बाद बीजेपी सरकार में उन्हें राज्यमंत्री का पद भी दिया गया था। उत्तराखंड ने इस साल जिन नेताओं को खोया वो प्रदेश की राजनीति में एक विशेष पहचान रखते थे। आज इन सभी मृतक नेताओं को उत्तराखंड विधानसभा में श्रद्धांजलि दी गई। विधानसभा भवन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इन सभी दिग्गजों के निधन से ना केवल सामाजिक बल्कि राजनीतिक क्षेत्र में भी अपूरणीय क्षति हुई है। जिसकी भरपाई नहीं की जा सकती। सभा में चारों दिवंगत नेताओं की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई।