उत्तराखंड चमोलीCycling of Somesh Panwar of Mana village

बदरीनाथ: बामणी गांव के सोमेश ने साइकिल से नापा भारत..47 दिन में माणा से कन्याकुमारी पहुंचा

सोमेश पंवार पिछले महीने हिमालय को बचाने और फिटनेस के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से साइकिल यात्रा पर निकले थे।

Mana village Somesh Panwar: Cycling of Somesh Panwar of Mana village
Image: Cycling of Somesh Panwar of Mana village (Source: Social Media)

चमोली: चमोली के सीमांत गांव माणा से तमिलनाडु के कन्याकुमारी तक का 4033 किलोमीटर का सफर 47 दिन में, वह भी साइकिल से। ये सुनकर हर कोई आश्चर्य में पड़ सकता है, लेकिन उत्तराखंड के एक प्रतिभावान साइक्लिस्ट ने इस असंभव से लगने वाले काम को संभव कर दिखाया है। इनका नाम है सोमेश पंवार। 26 साल के सोमेश पंवार मूलरूप से बदरीनाथ के पास स्थित बामणी गांव के रहने वाले हैं। पिछले महीने वो हिमालय को बचाने और फिटनेस के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से साइकिल यात्रा पर निकले थे। अपने सफर की शुरुआत उन्होंने देश के अंतिम गांव माणा से की। 1 नवंबर को शुरू हुई इस यात्रा के तहत सोमेश ने माणा से कन्याकुमारी तक की दूरी साइकिल से नाप डाली। 47 दिन की इस यात्रा में उन्होंने 4033 किमी का सफर तय किया। यात्रा के दौरान सोमेश ने लोगों से हिमालय को स्वच्छ रखने की अपील की। साथ ही फिटनेस और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए लोगों को साइकिल चलाने की सलाह भी दी।

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सोमेश ने अभियान की शुरुआत से पहले भगवान बदरीनाथ का आशीर्वाद लिया था। भगवान बदरी नारायण के आशीर्वाद से सोमेश न सिर्फ यात्रा में सफल रहे, बल्कि उन्होंने जनता तक स्वच्छ हिमालय का संदेश भी पहुंचाया। सोमेश माणा से कन्याकुमारी तक की यात्रा करने में सफल रहे। इस दौरान उन्हें लोगों का खूब प्यार मिला। सोमेश ने बताया कि वाहनों के बढ़ते प्रयोग से हिमालय को काफी नुकसान हो रहा है। प्रदूषण बढ़ने का एक बड़ा कारण वाहनों का अंधाधुंध प्रयोग है। जबकि साइकिल के प्रयोग से न सिर्फ प्रदूषण कम हो सकता है बल्कि लोग शारीरिक रूप से फिट भी रहते हैं। सोमेश को उनकी यात्रा के लिए सोशल मीडिया पर खूब बधाईयां मिल रही हैं। लोग सोमेश की हिम्मत और हिमालय के प्रति उनके समर्पण की तारीफ कर रहे हैं।