उधमसिंह नगर: कहते हैं पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी, कभी पहाड़ के काम नहीं आते, लेकिन अब ये तस्वीर बदलने लगी है। उत्तराखंड के प्रतिभाशाली युवा शहरों का मोह छोड़ गांव की ओर लौट रहे हैं। यहां स्वरोजगार के माध्यम से अपनी तकदीर बदलकर क्षेत्र-प्रदेश की उन्नति में अपना योगदान दे रहे हैं। ऊधमसिंहगर के रहने वाले अमित चावला ऐसे ही स्वावलंबी लोगों में से एक हैं। अमित अपनी कंपनी में इलेक्ट्रिक पैनल बनाते है, जिससे 30 से 50 फीसदी तक बिजली बचाई जा सकती है। इस तरह अमित की कंपनी में बने इलेक्ट्रिक पैनल ऊर्जा बचत में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। चलिए आपको अमित की जर्नी के बारे में बताते हैं। अमित मूलरूप से किच्छा के रहने वाले हैं। इस वक्त उनका परिवार रुद्रपुर के मॉडल कॉलोनी में रहता है। 37 साल के अमित की शिक्षा पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय में हुई। उन्होंने साल 2007 में बीटेक किया। इसके बाद वो दिल्ली की एक कंपनी में जॉब करने लगे। आगे पढ़ें
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: शादी में दूल्हा समेत परिवार के 28 लोग कोरोना पॉजिटिव..सील हुआ इलाका
दो साल के बाद उन्हें एक बहुराष्ट्रीय कंपनी लार्सन एंड टर्बो में मार्केटिंग मैनेजर के पद पर काम करने का अवसर मिला। जहां उन्हें सालाना करीब 12 लाख रुपये वेतन के तौर पर मिलते थे। तनख्वाह अच्छी थी, लेकिन अमित अपना काम शुरू करना चाहते थे। थोड़े वक्त बाद उन्होंने जॉब छोड़ दी और अपनी कंपनी स्थापित कर इलेक्ट्रिक पैनल का निर्माण करने लगे। आज अमित चावला की कंपनी में बने इलेक्ट्रिक पैनल ऊर्जा बचत में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अमित बताते हैं कि इनके इस्तेमाल से 30 से 50 फीसदी तक बिजली बचाई जा सकती है। अमित की फैक्ट्री के माध्यम से आज 10 अन्य लोगों को भी रोजगार मिल रहा है। अमित साल 2018 तक एमएनसी में कार्यरत रहे, बाद में उन्होंने अपना काम शुरू किया। आज उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर करीब 2 करोड़ रुपये है। कंपनियों में इलेक्ट्रिक सप्लाई को नियंत्रित करने वाले इलेक्ट्रिक पैनल की कीमत दो से 10 लाख रुपये तक है। सिडकुल से जुड़ी कंपनियों में इनकी खूब डिमांड है। कंपनियों से मिल रहे अच्छे रिस्पांस से स्पार्क कंट्रोल एंड ऑटोमेशन के प्रोपराइटर अमित चावला भी खुश हैं।