उत्तरकाशी: स्नो लेपर्ड। दुनिया के सबसे खूबसूरत और दुर्लभ जीवों में से एक। उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों में स्नो लेपर्ड का कुनबा बढ़ रहा है, और अब इनके जरिए प्रदेश में पर्यटन भी बढ़ेगा। कोरोना काल में जैसे-जैसे व्यवस्थाएं पटरी पर आ रही हैं, सरकार भी पर्यटन को रफ्तार देने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। इसके लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। इसी कड़ी में अब हिमालयी क्षेत्र में पर्यटकों के लिए स्नो लेपर्ड टूर ऑर्गनाइज करने की योजना है। वन विभाग ने अगले महीने उत्तरकाशी जिले में प्रयोग के तौर पर स्नो लेपर्ड टूर आयोजित करने का फैसला लिया है। इस संबंध में मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी के अनुसार फरवरी में कुल 30 लोगों के लिए चार टूर आयोजित किए जाएंगे। टूर के लिए पहले आओ-पहले पाओ के सिद्धांत पर पर्यटकों का चुनाव किया जाएगा। इस तरह हिम तेंदुओं का दीदार करने के लिए पर्यटकों को अब लद्दाख और हिमाचल प्रदेश नहीं जाना पड़ेगा। उत्तराखंड के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में हिम तेंदुओं की तादाद बढ़ रही है। आगे पढ़िए
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कैमरा ट्रैप में इनकी गतिविधियां अक्सर नजर आती हैं। प्रदेश में हिम तेंदुओं की संख्या का पता लगाने के लिए सिक्योर हिमालय परियोजना के तहत इनकी गणना का काम भी चल रहा है। अब राज्य सरकार ने हिम तेंदुओं को पर्यटन से जोड़ने के लिए बड़ा कदम उठाया है। हिमाचल प्रदेश और लद्दाख की तर्ज पर यहां स्नो लेपर्ड टूर का आयोजन होगा। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम यानि यूएनडीपी के सहयोग से आयोजित होने वाले टूर के तहत उत्तरकाशी जिले के झाला, हर्षिल, मुखवा, बघोरी और धराली में चार टूर होंगे। प्रयोग के तौर पर फरवरी में उत्तरकाशी में स्नो लेपर्ड टूर का आयोजन किया जाएगा। अच्छा रेस्पांस मिलने पर उच्च हिमालयी क्षेत्र के अन्य हिस्सों में भी टूर आयोजित किए जाएंगे। मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल को टूर की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। स्नो लेपर्ड टूर के माध्यम से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, ग्रामीणों के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। स्नो लेपर्ड टूर की मार्केटिंग की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी गई है।