उत्तराखंड चमोलीNandprayag Ghat Road Movement

गढ़वाल में बड़ा रूप ले रहा है सड़क आंदोलन..आंदोलनकारियों को मिला 70 गांवों का समर्थन

घाट में आंदोलन कर रहे लोगों के समर्थन में अब क्षेत्र के 70 से अधिक गांवों के ग्रामीण भी आ गये हैं। ये आंदोलन अब बड़ा रूप लेने लगा है।

Chamoli News: Nandprayag Ghat Road Movement
Image: Nandprayag Ghat Road Movement (Source: Social Media)

चमोली: उत्तराखंड का सीमांत जिला चमोली। यहां का घाट विकासखंड पिछले कई दिनों से चर्चा में है। चर्चा की वजह है ग्रामीणों का आंदोलन। दरअसल क्षेत्र के लोग नंदप्रयाग-घाट रोड को डेढ़ लेन चौड़ा करने की मांग कर रहे हैं। अपनी मांग के समर्थन में पहले ग्रामीणों ने शांतिपूर्वक धरना दिया। सरकार-प्रशासन नहीं माने तो अनशन शुरू कर दिया। पिछले दिनों कुछ आंदोलनकारी मोबाइल टावर पर चढ़कर आंदोलन कर रहे थे, फिर भी ग्रामीणों की मांग पर ध्यान नहीं दिया गया। आमरण अनशन करने वाले 13 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हैं। वहीं सरकार-प्रशासन की बेरूखी के चलते लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। घाट में आंदोलन कर रहे लोगों के समर्थन में अब क्षेत्र के 70 से अधिक गांवों के ग्रामीण भी आ गये हैं। शुक्रवार को सभी ने मिलकर जुलूस प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। जिस तरह ग्रामीण इस आंदोलन में शिरकत कर रहे हैं, उससे यह आंदोलन अब बड़ा रूप लेने लगा है। प्रदर्शन में महिलाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। आपको बता दें कि नंदप्रयाग-घाट रोड की लंबाई 19 किमी है। आगे पढ़िए

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ग्रामीण इस रोड की चौड़ाई 9 मीटर करने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि नंदप्रयाग-घाट रोड बेहद संकरी है, जिस वजह से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। इस रोड पर कई बार सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। सड़क की स्थिति वर्तमान समय में काफी खराब है। इसलिए रोड का चौड़ीकरण किया जाना जरूरी है। आंदोलनकारियों ने कहा कि वो पिछले डेढ़ महीने से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी सुन नहीं रही। सरकार के इस रवैये से क्षेत्रवासियों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को इस आंदोलन के समर्थन में 70 से ज्यादा गांवों के ग्रामीण भी आ गए। इस तरह अब ये आंदोलन बड़ा रूप लेता जा रहा है। मौके पर मौजूद आंदोलनकारियों को व्यापारियों का भी साथ मिला है। व्यापारी आंदोलनकारियों के लिए लंगर की व्यवस्था कर रहे हैं। वहीं आंदोलनकारियों ने साफ किया कि जब तक उनकी एक सूत्रीय मांग पर सरकार कार्रवाई नहीं करती तब तक आंदोलन ऐसे ही जारी रहेगा।