उत्तराखंड देहरादूनcase filed on MLA Desh Raj Karnwal waived off

उत्तराखंड के विधायक को यूपी सरकार ने दी राहत, दर्ज केस होंगे वापस..जानिए पूरा मामला

उत्तराखंड की झबरेड़ा विधानसभा सीट से विधायक देशराज कर्णवाल और पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री विनोद तेजियान को साल 2011 में रेल रोकने के आरोप में अभियुक्त बनाया था। आगे जानिए पूरा मामला

case filed on MLA  Desh Raj Karnwal waived off: case filed on MLA  Desh Raj Karnwal waived off
Image: case filed on MLA Desh Raj Karnwal waived off (Source: Social Media)

देहरादून: यूपी सरकार ने उत्तराखंड के झबरेड़ा विधायक और पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री को बड़ी राहत देते हुए, इनके खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने के आदेश दिए हैं। मामला साल 2011 का है। उत्तराखंड की झबरेड़ा विधानसभा सीट से विधायक देशराज कर्णवाल और सहारनपुर के पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री विनोद तेजियान को नौकरी में आरक्षण बहाल करने को लेकर रेल रोकने के आरोप में अभियुक्त बनाया था। जिन लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था उनमें इन दोनों लोगों के अलावा पूर्व इंजीनियर आरपी सिंह, कर्ताराम, सतेंद्र कुमार, वैजयंती माला, धनपाल वाल्मिकी, ब्रजपाल सिंह, संजय तेगवाल और सिलचंद बौद्ध भी शामिल थे। अब यूपी सरकार ने इन सभी 9 लोगों के खिलाफ दर्ज केस को वापस लेने के आदेश दिए हैं। बीजेपी सरकार ने मुकदमों को राजनैतिक षड्यंत्र मानते हुए ऐतिहासिक निर्णय लिया है, और मुकदमे वापस करने के आदेश दिए है। इस मामले में विधायक देशराज कर्णवाल की प्रतिक्रिया भी आई है। शनिवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार हर वर्ग में समानता और सामाजिक समरसता स्थापित कर कानून व्यवस्था कायम करने को संकल्पबद्ध है। बीजेपी ही दलितों की हितैषी है। इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ, आपको ये भी जानना चाहिए। घटना साल 2011 की है। पदोन्नति में अनुसूचित जाति का आरक्षण खत्म कर दिया गया था। आगे पढ़िए

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जिसके विरोध में 30 जनवरी 2011 को सहारनपुर में एक सभा हुई। इसमें सैकड़ों लोग जुटे थे। सभा के बाद आंदोलनकारी डीएम को ज्ञापन देने जा रहे थे, ये लोग रेल लाइन पार कर रहे थे। बाद में इनके खिलाफ रेल रोकने के आरोप में मुकदमे दर्ज किए गए थे। आरोपियों में झबरेड़ा विधायक देशराज कर्णवाल और पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री विनोद तेजियान का नाम भी शामिल था। विधायक देशराज कर्णवाल ने कहा कि उनके खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र के तहत केस दर्ज किया गया था। अब बीजेपी सरकार ने भी इसे राजनीतिक षडयंत्र मानते हुए ऐतिहासिक फैसला लिया है। उन्होंने बीएसपी-एसपी और कांग्रेस पर दलित विरोधी होने का भी आरोप लगाया है। वहीं पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री विनोद तेजियान ने कहा कि इस प्रकरण को राजनीतिक रूप नहीं देना चाहिए। सरकार ने मुकदमे वापस लेने के आदेश जरूर दिए हैं, लेकिन मामला अभी कोर्ट में विचारधीन है।