उत्तराखंड चम्पावतLeopard cub killed in champawat

उत्तराखंड: बेकाबू गाड़ी ने गुलदार के शावक को कुचला..रोड किनारे मिला शव

शनिवार रात जड़ियाखाल बूम रेंज के पास रोड पर गुलदार के शावक का शव मिला। शावक की उम्र करीब तीन महीने थी। उसका पिछला हिस्सा बुरी तरह कुचला हुआ था। आगे पढ़िए पूरी खबर

Champawat news: Leopard cub killed in champawat
Image: Leopard cub killed in champawat (Source: Social Media)

चम्पावत: सड़कों पर बेलगाम दौड़ते वाहन इंसानों के साथ वन्यजीवों के लिए भी काल साबित हो रहे हैं। चंपावत में ठुलीगाड़-जौलजीवी रोड पर गुलदार के शावक का शव मिला है। माना जा रहा है कि शावक किसी तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आ गया होगा, जिससे उसकी मौत हो गई। शावक का शव मिलने की सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटना टनकपुर की है। जहां शनिवार रात जड़ियाखाल बूम रेंज के पास रोड पर गुलदार के शावक का शव मिला। बूम रेंज के रेंजर गुलजार हुसैन ने बताया कि शावक की उम्र करीब तीन महीने थी।

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वन अधिकारियों के मुताबिक रोड क्रॉस करते वक्त शावक वाहन की चपेट में आ गया। उसका पिछला हिस्सा बुरी तरह कुचला हुआ था। जिस वजह से गुलदार के नर या मादा होने की जानकारी सामने नहीं आ पाई है। वन विभाग ने पोस्टमार्टम के बाद शव को जला दिया है। शावक की मौत के लिए जिम्मेदार अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि 25 नवंबर को ऐसी ही एक घटना ऋषिकेश में भी हुई थी। यहां हरिद्वार रोड पर तड़के अज्ञात वाहन की चपेट में आने से एक व्यस्क गुलदार की मौत हो गई। राजकीय महाविद्यालय के सामने भरत विहार के मुख्यद्वार के पास एक गुलदार खून से लतपथ मिला था। जिसकी उम्र करीब चार साल थी।

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इन दिनों उत्तराखंड में ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं। जंगली जानवर भोजन की तलाश में मानव बस्तियों में आ रहे हैं। जिससे इंसानों के साथ-साथ वन्यजीवों की जान को भी खतरा है। गुलदार आबादी वाले इलाकों में घुसकर हमले कर रहे हैं। यही नहीं जंगली सुअर, हाथी, बंदर और भालू भी जंगल छोड़कर गांवों में आ रहे हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार जंगल में इंसानों का दखल बढ़ने से विकट स्थिति पैदा हो गई है। लकड़ी तस्करी और जंगली जानवरों का शिकार बढ़ रहा है। ऐसे में जानवर भोजन की तलाश में गांवों में दाखिल हो रहे हैं। जंगली जानवर जहां इंसानों पर हमला कर रहे हैं तो वहीं हाईवे पर वाहनों की चपेट में आकर खुद भी हादसे का शिकार बन रहे हैं।