उत्तराखंड देहरादूनPresident Police Medal for Shaheed Mohanlal Raturi

उत्तराखंड के लिए गौरवशाली पल..पुलवामा शहीद मोहन लाल रतूड़ी को राष्ट्रपति पुलिस पदक

सीआरपीएफ के एएसआई जाबांज मोहन लाल रतूड़ी को आज राष्ट्रपति पुलिस पदक से अलंकृत किया गया है। उनकी पत्नी ने सरकार और सीआरपीएफ का धन्यवाद व्यक्त किया है।

Shaheed Mohanlal Raturi: President Police Medal for Shaheed Mohanlal Raturi
Image: President Police Medal for Shaheed Mohanlal Raturi (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड से बेहद सुखद खबर सामने आई है। आज गणतंत्र दिवस के मौके पर सभी का हृदय देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ है। इसी बीच उत्तराखंड से भी एक ऐसी ही खबर सामने आ रही है जिसको सुनकर आप भी फक्र महसूस करेंगे। पुलवामा हमले में शहीद उत्तराखंड के जाबांज मोहन लाल रतूड़ी को राष्ट्रपति पुलिस पदक से अलंकृत किया गया है। सीआरपीएफ के एएसआई शहीद मोहन लाल रतूड़ी ने पुलवामा अटैक में देश के लिए हंसते-हंसते जान न्यौछावर कर दी थी और दुनिया को विदा कहा था। वे अपने पीछे अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़ कर गए थे। आज पुलवामा अटैक में वीरगति को प्राप्त होने वाले शहीद मोहन लाल रतूड़ी को उनकी बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है। इससे उनका परिवार बेहद गौरवान्वित महसूस कर रहा है।

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उनकी पत्नी ने सीआरपीएफ को धन्यवाद व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उनके पति मोहन लाल रतूड़ी के शहीद होने के पश्चात उनको सीआरपीएफ ने आर्थिक रूप से भी काफी मदद की और उनके परिवार वालों को हर तरह से सपोर्ट दिया। आज उनके पति को उनकी बहादुरी और वीरता के लिए यह पुरस्कार मिला है जिससे उनके परिवार में सभी बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। शहीद मोहनलाल रतूड़ी सन 1988 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे और पुलवामा हमले में उन्होंने देश के लिए अपनी जान न्यौछावर कर दी थी। उनके परिवार में उनकी पत्नी सरिता तीन बेटियां और दो बेटे हैं। उनकी शहादत की खबर सुनकर परिवार बुरी तरह टूट गया था मगर वक्त के साथ ही उनके परिवार ने अपने आप को संभाला और दृढ़ता के साथ आगे बढ़ता चला गया।

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अब शहीद मोहनलाल रतूड़ी को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है जिसके बाद उनके परिवार में सभी लोग बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। बात करें उनके परिवार की तो उनकी बेटी वैष्णवी डीएवी पीजी कॉलेज में बीएड की छात्रा हैं जबकि दूसरी बेटी गंगा बीएससी की छात्रा है। सबसे छोटा बेटा श्रीराम कक्षा 11 में है और शहीद की सबसे बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। उनकी पत्नी सरिता रतूड़ी का कहना है कि उनके पति की शहादत के बाद उनके परिवार पर आर्थिक संकट आन पड़ा था। उन्होंने कहा कि उनका परिवार पूरी तरह टूट चुका था और हिम्मत हार चुका था। मगर फिर सरकार एवं समाज में उनको पूरा सम्मान एवं सहयोग दिया और यह उन्हीं लोगों का प्यार और सहयोग है जिसकी वजह से उनके परिवार को इस असहनीय पीड़ा से उभरने में मदद मिली। सीआरपीएस ने उनकी आर्थिक रूप से भी मदद की और उनका मार्गदर्शन किया। शहीद मोहनलाल रतूड़ी की पत्नी सरिता रतूड़ी ने सीआरपीएफ और सरकार को उनके पति को राष्ट्रपति पदक से अलंकृत करने पर धन्यवाद व्यक्त किया है