उत्तराखंड ऋषिकेशTunnel in rishikesh karnprayag rail route

वाह: ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल रूट पर 1 किलोमीटर सुरंग की खुदाई पूरी..देखिए तस्वीरें

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना के तहत एक किलोमीटर लंबी टनल की खुदाई का काम पूरा हो गया है। रेलवे मिनिस्टर पीयूष गोयल ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से साझा की।

Rishikesh karnprayag rail network: Tunnel in rishikesh karnprayag rail route
Image: Tunnel in rishikesh karnprayag rail route (Source: Social Media)

ऋषिकेश: पहाड़वासी सालों से उत्तराखंड के चारधामों के रेल सेवा से जुड़ने का इंतजार कर रहे हैं, ये इंतजार अगले कुछ सालों में खत्म होने वाला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना तेजी से आकार ले रही है। इस परियोजना के तहत एक किलोमीटर टनल की खुदाई का काम भी पूरा हो गया है। जिसकी जानकारी रेलवे मिनिस्टर पीयूष गोयल ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से साझा की। उन्होंने लिखा कि देवभूमि उत्तराखंड में ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की पहली एक किमी टनल की खुदाई का काम पूरा हो गया है। निर्माण की दृष्टि से हिमालय के इस कठिन और अत्यंत चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में 125 किमी लंबी इस परियोजना को 2024 तक पूरा करने के लिए रेलवे प्रतिबद्ध है। रेलमंत्री ने टनल की तस्वीरें भी साझा कीं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट के तहत चारों धामों को आपस में जोड़ने के लिए 125 किमी लंबी रेलवे लाइन बनाई जानी है

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - खुशखबरी: देहरादून के 6 रूट पर दौड़ेंगी 30 इलेक्ट्रिक बसें..जानिए पूरी डिटेल
परियोजना के तहत 16 पुल, 17 सुरंग और 12 रेलवे स्टेशन बनाए जाने प्रस्तावित हैं। जिनमें से 10 स्टेशन पुलों के ऊपर और सुरंग के अंदर होंगे। खुली जमीन पर इन स्टेशनों का प्लेटफार्म वाला हिस्सा ही दिखाई देगा। सिर्फ शिवपुरी और ब्यासी स्टेशन ही ऐसे स्टेशन हैं, जिनका कुछ भाग खुली जमीन पर दिखेगा। दूसरे रेलवे स्टेशन सुरंग के अंदर और पुल के ऊपर बनाए जाएंगे। रेल मार्ग का 84.24 फीसदी भाग (105.47 किलोमीटर) हिस्सा अंडरग्राउंड रहेगा। सिर्फ रेलमार्ग ही नहीं ज्यादातर रेलवे स्टेशन भी सुरंग के अंदर और पुल के ऊपर बनाए जाएंगे। परियोजना का काम साल 2024-25 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन में पहाड़ के नीचे से 20 किलोमीटर लंबी टनल बनाने की योजना है। इस टनल के निर्माण के लिए रेल विकास निगम ने एलएंडटी कंपनी के साथ 3338 करोड़ का अनुबंध किया है। ये टनल हिमालयी क्षेत्र में बनने वाली अब तक की सबसे लंबी टनल होगी।