चमोली: चमोली में ग्लेशियर टूटने से मची तबाही में कुल 206 लोग लापता हुए हैं। जिनमें से मंगलवार दोपहर तक 32 शव बरामद कर लिए गए। रविवार को आपदा के 7 घंटे बाद तपोवन क्षेत्र में एक सुरंग में फंसे 12 लोग सकुशल निकाले गए थे, लेकिन ऋषिगंगा प्रोजेक्ट की सुरंग में अब भी 35 लोग फंसे हुए हैं। इन 35 मजदूरों को निकालने की कवायद आज तीसरे दिन भी जारी है। सुरंग में फंसे श्रमिकों के साथ ही आस-पास के क्षेत्रों में राहत कार्य लगातार जारी है। सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के बहादुर जवान मौके पर डटे हुए हैं। डराने वाली बात ये है कि जिस सुरंग में करीब 35 श्रमिक फंसे हुए हैं, वो करीब ढाई किलोमीटर लंबी है। करीब 48 घंटों तक चले अभियान के बाद भी सुरंग की सिर्फ 120 मीटर खुदाई हो पाई है। सुरंग से मलबा हटाने के लिए जेसीबी ही एकमात्र विकल्प है। श्रमिकों को बचाने की जद्दोजहद रातभर जारी रही।
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सुरंग से मलबा हटा रहे जवान लोगों की जिंदगी बचाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि 180 मीटर सुरंग से गाद और मलबा हटाने के बाद टी-प्वाइंट आएगा, जिसके बाद वहां फंसे श्रमिकों को आसानी से बचाया जा सकेगा। सुरंग में से मलबा व गाद हटाने का काम युद्धस्तर पर जारी है। जिस सुरंग में श्रमिक फंसे हैं वो करीब 3 मीटर चौड़ी है। इसके प्रवेश द्वार से एक बार में एक ही मशीन अंदर जा सकती है । टनल के भीतर एक-एक कदम उठाना भी किसी मुसीबत से कम नहीं। कब कहां पांव धंस जाए पता नहीं। रेस्क्यू टीम की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। टनल में फंसे लोगों के परिजन भी घबराए हुए हैं। जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, उनका सब्र जवाब देने लगा है। ईश्वर करे टनल में फंसे सभी लोग सुरक्षित हों। आप भी उनकी सलामती के लिए प्रार्थना करें।