रुद्रपुर: रिश्तों की खींचतान और काम का बढ़ता बोझ लोगों को डिप्रेशन का शिकार बना रहा है। कई बार नकारात्मकता जिंदगी पर इतना हावी हो जाती है कि लोगों को खुदकुशी करना हर समस्या का हल लगने लगता है। रुद्रपुर में रहने वाली पीएसी की महिला कांस्टेबल एकता भी कुछ इसी तरह के ट्रॉमा से गुजर रही थी। जब सहा नहीं गया तो मंगलवार को उसने खुद पर पेट्रोल उड़ेलकर आग लगा ली। आसपास के लोगों ने किसी तरह आग बुझाकर महिला को जिला अस्पताल पहुंचाया। एकता की किस्मत अच्छी थी, जो कि उसे समय पर मदद मिल गई और उसकी जान बच गई, हालांकि खतरा अब तक टला नहीं है। एकता 50 से 60 फीसदी तक जल गई है। अस्पताल में एसडीएम विशाल मिश्रा ने महिला कांस्टेबल के बयान लिए। एकता 31वीं वाहिनी पीएसी में कांस्टेबल के तौर पर कार्यरत है। सेनानायक ददनपाल ने बताया कि कांस्टेबल ने घरेलू कलह के चलते यह कदम उठाने की बात कही है। 27 साल की एकता चौधरी मूलरूप से दूनागिरि (अल्मोड़ा) की रहने वाली है। 7 साल पहले एकता के पति गुंजन चौधरी की बीमारी से मौत हो गई थी। आगे पढ़िए
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पति की मौत के बाद मृतक आश्रित कोटे से एकता को नौकरी मिली। एकता का 7 वर्षीय बेटा भी है। बीते कुछ वर्षों से वह अपने सात वर्षीय बेटे कन्हैया के साथ हंस विहार कॉलोनी में रह रही है। मंगलवार दोपहर डेढ़ बजे तक एकता ने ड्यूटी की। इसके बाद वो घर लौटी। पड़ोसियों के अनुसार घर पहुंच कर एकता ने घर के बाहर खड़ी स्कूटी से पेट्रोल निकाला और खुद पर छिड़ककर आग लगा दी। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग जुटे और किसी तरह आग बुझाकर एकता को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां एकता की हालत नाजुक बनी हुई है। वह 50 से 60 फीसदी तक झुलस गई है। घटना के वक्त एकता का बेटा घर में ही था। महिला कांस्टेबल को सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) हल्द्वानी रेफर किया गया है। पड़ोसियों का कहना है कि एकता लंबे वक्त से डिप्रेशन से जूझ रही थी।