चमोली: चमोली में घाट-नंदप्रयाग रोड के चौड़ीकरण को लेकर आंदोलनरत ग्रामीणों को सीएम तीरथ सिंह रावत ने बड़ी राहत दी है। उन्होंने कहा कि सड़क चौड़ीकरण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाएंगे। लोगों की सड़क चौड़ीकरण की मांग को भी जल्द पूरा किया जाएगा। रविवार को सचिवालय में मीडिया से बातचीत के दौरान सीएम ने कई मुद्दों पर बात की। जिनमें नंदप्रयाग-घाट रोड के चौड़ीकरण का मामला भी शामिल था। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून न तोड़ने वाले आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस होंगे। जनहित की मांग को लेकर प्रदर्शन करना लोगों को लोकतांत्रिक अधिकार है। इसे समझते हुए सरकार ने कोविड काल में दर्ज मुकदमों को वापस करने का फैसला किया है। इससे 4500 लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है। इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ, आपको ये भी जानना चाहिए। घाट-नंदप्रयाग रोड के चौड़ीकरण के लिए ग्रामीण कई महीनों से आंदोलनरत हैं। नंदप्रयाग-घाट सड़क करीब 19 किलोमीटर लंबी है
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सड़क बेहद संकरी होने की वजह से यहां हादसों की आशंका बनी रहती है। इस रोड के चौड़ीकरण की मांग को लेकर स्थानीय लोगों ने पहले शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया, मानव श्रृंखला बनाई, भूख हड़ताल भी की, लेकिन सरकार ने नहीं सुनी। पिछले दिनों प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठियां भी भांजी, जिससे गैरसैंण में बजट सत्र के बीच सियासत गरमा गई। डैमेज कंट्रोल के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश भी दिए थे। मामले की जांच जारी है। अब मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने आंदोलनकारियों को लेकर नरम रुख अपनाया है। उन्होंने सड़क चौड़ीकरण की मांग जल्द पूरी करने का भरोसा दिया है। साथ ही आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज केस वापस लिए जाने की भी बात कही। बता दें कि गोपेश्वर-नंदप्रयाग-घाट मार्ग का निर्माण वर्ष 1962 में हुआ था। यह सड़क घाट ब्लॉक के 55 और कर्णप्रयाग के 15 ग्राम पंचायतों को आपस में जोड़ती है। इस मार्ग को ही ग्रामीण डेढ़ लेन तक चौड़ा करने की मांग कर रहे हैं।