उत्तराखंड चमोलीGhat Nandprayag Road will widen

अच्छी खबर: उत्तराखंड के नए मुखिया का बड़ा ऐलान..चौड़ी होगी घाट-नंदप्रयाग रोड

सीएम तीरथ सिंह रावत ने पूर्ववर्ती सरकार का फैसला पलटते हुए घाट-नंदप्रयाग रोड का चौड़ीकरण करने की बात कही। आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज केस भी वापस होंगे।

Ghat Nandprayag Road Widening: Ghat Nandprayag Road will widen
Image: Ghat Nandprayag Road will widen (Source: Social Media)

चमोली: उत्तराखंड में नेतृत्व परिवर्तन के बाद राजनीतिक-प्रशासनिक स्तर पर बड़े बदलाव दिख रहे हैं। पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों को पलटा जा रहा है। नए सीएम तीरथ सिंह रावत ने पहले कुंभ में आने के लिए कोरोना टेस्ट की अनिवार्यता को खत्म कर दिया। अब घाट-नंदप्रयाग सड़क चौड़ीकरण को लेकर भी सीएम तीरथ सिंह रावत ने बड़ा फैसला लिया है। त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में घाट-नंदप्रयाग सड़क आंदोलनकारियों पर पुलिस ने लाठियां भांजी थी। सरकारी काम में बाधा डालने वालों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था। इसे लेकर सीएम तीरथ सिंह रावत ने आंदोलनकारियों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे वापस लेने के निर्देश दिए। साथ ही ग्रामीणों की मांग पूरी करने का आश्वासन भी दिया है। सीएम तीरथ सिंह रावत ने घाट-नंदप्रयाग सड़क चौड़ीकरण के काम को जल्द पूरा किए जाने का भरोसा दिलाया है।

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पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के फैसलों को पलटा जा रहा है। कुंभ में आने के लिए कोरोना टेस्ट की अनिवार्यता खत्म करने के बाद अब तीरथ सरकार ने चमोली की घाट-नंदप्रयाग सड़क के चौड़ीकरण की मांग को लेकर बड़ी बात कही। जिस सड़क के लिए गैरसैंण बजट सत्र के दौरान आंदोलनकारियों पर लाठियां बरसाई गईं थीं, सीएम तीरथ सिंह रावत ने उस सड़क के चौड़ीकरण का कार्य करवाने का भरोसा दिलाया है। इस तरह अब चमोली में घाट-नंदप्रयाग रोड का चौड़ीकरण भी होगा और आंदोलन कर रहे आंदोलनकारियों पर दर्ज किये गए मुकदमों को भी वापस लिया जाएगा। बता दें कि गोपेश्वर-नंदप्रयाग-घाट मार्ग का निर्माण वर्ष 1962 में हुआ था। यह सड़क घाट ब्लॉक के 55 और कर्णप्रयाग की 15 ग्राम पंचायतों को आपस में जोड़ती है। इस मार्ग को ही ग्रामीण डेढ़ लेन तक चौड़ा करने की मांग कर रहे हैं। गैरसैंण में हुए बजट सत्र के दौरान भी आंदोलनकारियों ने सरकार के सामने ये मुद्दा उठाया था। इस दौरान आंदोलनकारियों की पुलिस से झड़प हो गई थी, जिसके बाद आंदोलनकारियों पर जमकर लाठियां चलाई गई थीं।