: तप में लीन रहकर कठिन जीवन जीने वाले नागा साधु महाकुंभ का सबसे बड़ा आकर्षण होते हैं। इस बार भी हरिद्वार महाकुंभ में तरह-तरह के रंग नजर आ रहे हैं। कोई नागा बाबा अपनी हाइट की वजह से आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं, तो किसी बाबा ने 11 हजार रुद्राक्ष अपने शरीर पर लपेट रखे हैं। नागा बाबा विक्रम गिरि इन्हीं संतों में से एक हैं। जूना अखाड़ा के महंत नागा बाबा विक्रम गिरि का सबसे बड़ा आकर्षण उनकी दाढ़ी है। उनकी जटा समान दाढ़ी श्रद्धालुओं के लिए कौतुक बनी हुई है। बाबा की दाढ़ी की लंबाई पौने छह फुट तक पहुंच गई है। लंबी दाढ़ी और काले चश्मे में बाबा का जलवा देखते ही बनता है। वो बताते हैं कि उन्होंने 27 साल से दाढ़ी नहीं बनाई है। वो दाढ़ी को सिर की जटाओं की तरह सहेज कर रखते हैं।
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नागा बाबा के मुताबिक साल 1994 में उन्होंने दाढ़ी बनाना छोड़ दिया था। अब ये दाढ़ी ही उनकी पहचान बन गई है। कई श्रद्धालु उन्हें दाढ़ी वाले बाबा कहकर पुकारते हैं। दाढ़ी लंबी करना ही उनका हठ योग है। नागा बाबा काला चश्मा लगाए अपनी छावनी में साधना करते हैं। श्रद्धालु दूर-दूर से उनके पास आते हैं और दाढ़ी छूकर आशीर्वाद लेते हैं। बाबा विक्रम गिरि मुरादाबाद के कुंदरकी ब्लॉक के रहने वाले हैं। वो इन दिनों जूना अखाड़ा की छावनी स्थित कल्पवास में हैं। उन्होंने साल 1994 में संन्यास लिया था। 2004 में उन्होंने जूना अखाड़ा से नागा दीक्षा ली। बाबा विक्रम गिरि की दाढ़ी की तरह संत राम नारायण गिरि की लंबाई भी श्रद्धालुओं को हैरान कर रही है। संत राम नारायण गिरि की लंबाई मात्र 18 इंच 18 सेमी है। उनका वजन भी मात्र 18 किलो है। इसी तरह 11 हजार रुद्राक्ष धारण करने वाले अजय गिरि उर्फ रुद्राक्ष बाबा भी श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।