उत्तराखंड चमोलीIndresh Maikhuri blog on human trafficking in Chamoli

पहाड़ में शादी के नाम पर मानव तस्करी का खेल, पढ़िए इन्द्रेश मैखुरी का ब्लॉग

इस तरह शादी के नाम पर चल रहे मानव तस्करी के खेल की जांच हो,अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही हो..पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार इन्द्रेश मैखुरी का ब्लॉग

Chamoli News: Indresh Maikhuri blog on human trafficking in Chamoli
Image: Indresh Maikhuri blog on human trafficking in Chamoli (Source: Social Media)

चमोली: 05 मार्च की शाम को सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वाइरल हुआ। यह वीडियो एक शिक्षक ने पोस्ट किया था,जो अपने स्कूल में पढ़ने वाली 14 वर्षीय छात्रा का विवाह 32 वर्षीय युवक से जबरन कराये जाने से बेहद आहत थे। उत्तराखंड के चमोली जिले के पोखरी ब्लॉक के सरकारी माध्यमिक स्कूल में शिक्षक उपेंद्र सती ने यह वीडियो पोस्ट किया था। उक्त वीडियो में उपेंद्र सती बताते हैं कि लॉकडाउन के दौरान ही उनके स्कूल की आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा का जबरन विवाह कर दिया गया। उक्त बच्ची की माँ नहीं है और पिता को छह हजार रुपये जैसी मामूली रकम थमा कर नाबालिग बच्ची का विवाह देहारादून में एक फ़ैक्ट्री में काम करने वाले 32 वर्ष के व्यक्ति से कर दिया गया।उक्त बच्ची के स्कूल न आने पर शिक्षक उपेंद्र सती ने जब दरियाफ़्त किया तो सारा माजरा पता चला। परीक्षा दिलवाने के लिए लड़की को वापस बुलाने का दबाव लड़की के पिता पर उन्होंने बनाया। छात्रा वापस आई तो शिक्षक उपेंद्र सती को जो उत्पीड़न की दास्तान उसने सुनाई,वह भयावह है। छात्रा ने शिक्षक को बताया कि जिससे उसका विवाह किया गया है,वह शराब पीता है, उससे मारपीट करता है। उसे शारीरिक ही नहीं मानसिक प्रताड़ना देने के लिए खुले में चप्पल से तक पीटता है। वह बताती है कि होली के दिन उस पर मिट्टी का तेल छिड़क कर जलाने की कोशिश तक उसके इस तथाकथित पति ने की।तथाकथित पति इसलिए कहा जा रहा है क्यूंकि बाल विवाह अवैध है।लड़की ईमानदारी से बताती है कि लड़के की माँ ने जब उसे मारपीट करने से रोकने की कोशिश की तो उसने अपनी माँ से भी मारपीट और गाली-गलौच की। लड़की की मासूमियत देखिये कि इतनी प्रताड़ना और अपमान के बावजूद जब शिक्षक उपेंद्र सती उससे बार-बार पूछते हैं कि वह अब क्या कार्यवाही चाहती तो बच्ची सिर्फ इतना ही बोलती है कि वह,वहाँ नहीं जाना चाहती। उपेंद्र सती उससे पूछते हैं कि क्या वह चाहती है कि उसके उस तथाकथित पति को पुलिस पीटे तो लड़की, ना कहती है ! वह फिर यही दोहराती है कि वह दोबारा वहां नहीं जाना चाहती बस

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सोचिए ऐसी मासूम बच्ची कैसे दरिंदों के हाथ बेची जा रही है और हम देवभूमि तमगा लहराने में मगन हैं ! वर्तमान प्रकरण के सोशल मीडिया पर सामने आने के बाद हलचल तो हुई है। स्वयं मैंने भी व्हाट्स ऐप पर यह वीडियो मिलने के बाद चमोली जिले के पुलिस अधीक्षक और उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक को व्हाट्स ऐप पर यह वीडियो भेजा और कार्यवाही की मांग की। साथ ही उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भी ईमेल के जरिए वीडियो और शिकायत भेजी। चमोली जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य तथा पटवारी लड़की के घर जा कर उससे मिले। उक्त प्रकरण पर राज्य महिला आयोग ने जांच के आदेश दिये हैं। साथ ही मेरे पत्र का संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी जिलाधिकारी,चमोली को प्रकरण की दस दिन के अंदर जांच करने का आदेश दिया है। उक्त मामले की प्रथम सूचना रिपोर्ट भी शिक्षक उपेंद्र सती की ओर से दर्ज करवायी गयी है। शिक्षक उपेंद्र सती कहते हैं कि यह कोई अलग-थलग घटना नहीं है,बल्कि ऐसी घटनाएं गाहे-बगाहे हो रही हैं, जिसमें मैदानी क्षेत्रों और दूसरे प्रदेशों से बच्चियों और युवतियों को शादी के नाम पर ले जाया जाता है और बाद में उनका क्या होता है,पता नहीं।इस मामले में उपेंद्र सती ने साहस दिखाया। परंतु जहां समाज चुप्पी ओढ़ ले रहा है,वहां मासूमों को कौन बचाएगा ? इस मामले में शासन-प्रशासन को यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि मामले का खुलासा करने वाले शिक्षक को प्रोत्साहित किया जाये,कानूनी मकड़जाल में उलझा कर उन्हें ऐसे हैरान-परेशान न किया जाये कि उन्हें लगने लगे कि शायद वे कोई गलती कर बैठे हैं ! यह आवश्यक है कि इस प्रकरण में दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही हो। लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि इस तरह शादी के नाम पर चल रहे मानव तस्करी के खेल की जांच हो,अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही हो और मासूमों को शादी के नाम पर बेचने का यह सिलसिला बंद हो।