उत्तराखंड टिहरी गढ़वालLord Ram procession will go to Nepal from Devprayag

गढ़वाल से नेपाल के जनकपुर जाएगी भगवान राम की बारात..भव्य विवाह की तैयारियां तेज

ये आयोजन कई मायनों में बेहद खास होगा, क्योंकि राम बारात में देवप्रयाग से नेपाल के जनकपुर के बीच पड़ने वाले सभी स्थानों के लोग शामिल होंगे।

Devprayag Lord Ram Barat: Lord Ram procession will go to Nepal from Devprayag
Image: Lord Ram procession will go to Nepal from Devprayag (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: उत्तराखंड में इन दिनों भव्य महाकुंभ का आयोजन हो रहा है। जल्द ही अपना प्रदेश एक और आध्यात्मिक आयोजन का गवाह बनेगा। यहां देवप्रयाग में भगवान राम के विवाह की तैयारियां चल रही हैं। भगवान श्री राम की बारात उत्तराखंड के देवप्रयाग से नेपाल के जनकपुर जाएगी। ये आयोजन कई मायनों में बेहद खास होगा, क्योंकि बारात में देवप्रयाग से नेपाल के जनकपुर के बीच पड़ने वाले सभी स्थानों के लोग शामिल होंगे। इससे पहले साल 2019 में भी उत्तराखंड के देवप्रयाग स्थित रघुनाथ मंदिर से भगवान श्रीराम की बारात नेपाल के जनकपुर गई थी। श्रीराम की बारात निकालने को लेकर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को अभी से व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। श्रद्धालुओं की आस्था को देखते हुए पर्यटन विभाग न सिर्फ उत्तराखंड में बल्कि नेपाल के जनकपुर में भी इंतजाम करेगा। इस बार चार दिसंबर को भगवान राम की बारात देवप्रयाग के रघुनाथ मंदिर से निकलेगी। बारात आठ दिसंबर को विवाह पंचमी के दिन जनकपुर पहुंचेगी।

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पौराणिक कथा के अनुसार विवाह पंचमी के दिन भगवान राम ने नेपाल के जनकपुर धाम की यात्रा की और देवी सीता के स्वयंवर में भगवान शिव का धनुष तोड़ा था। जिसके बाद भगवान श्रीराम और देवी सीता का विवाह संपन्न हुआ। राज्य में पहली बार 28 नवंबर 2019 में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की पहल पर श्रीराम की बारात निकाली गई थी। उस दौरान बारात ने देवप्रयाग से नेपाल के जनकपुर तक 1067 किलोमीटर का सफर तय किया था। साल 2020 में कोरोना महामारी की वजह से श्रीराम बारात का आयोजन नहीं हो सका, लेकिन इस बार देवप्रयाग से नेपाल के जनकपुर तक बारात निकाली जाएगी। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच सदियों से बेटी-रोटी का संबंध रहा है। श्रीराम बारात के आयोजन से दोनों जगहों की संस्कृति और विरासत को बढ़ावा मिलेगा। आपसी सौहार्द, संस्कृति और परंपरा को बढ़ावा देने के लिए राम बारात का आयोजन किया जा रहा है।