उत्तराखंड हरिद्वारCoronavirus infected saint dies in Haridwar.

उत्तराखंड: कोरोना पॉजिटिव संत को वेंटिलेटर न मिलने से मौत..अखाड़ों में कई संत भी संक्रमित

हरिद्वार में एक कोरोना संक्रमित संत की वेंटिलेटर बेड नहीं मिलने से और समय पर उपचार मिलने से दर्दनाक मृत्यु हो गई है।

Coronavirus in uttarakhand: Coronavirus infected saint dies in Haridwar.
Image: Coronavirus infected saint dies in Haridwar. (Source: Social Media)

हरिद्वार: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सुविधाओं की हालत किसी से छिप नहीं पाई है। एक ओर कोरोना की दूसरी बड़ी लहर से उत्तराखंड जूझ रहा है और यह जानलेवा वायरस लगातार लोगों की जान ले रहा है तो वहीं दूसरी ओर कोरोना के बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड के अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं की सच्चाई सबके सामने आ रही है। अस्पताल के अस्पताल कोविड के मरीजों से भरे हुए हैं। न कहीं पर बेड मिल रहा है और न ही वेंटिलेटर। लोग सड़कों पर दम तोड़ रहे हैं, तड़प रहे हैं मगर इसके बावजूद भी प्रशासन की आंखें नहीं खुल रही है। स्वास्थ्य विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ है। ऐसे में आम इंसान अगर जाए तो कहां जाए। हरिद्वार जिले में महाकुंभ चल रहा है और अब तक सैकड़ों लोग हरिद्वार में संक्रमित पाए गए हैं। साधु- संतों के पॉजिटिव मिलने का सिलसिला हरिद्वार में जारी है। मगर इतने बड़े स्तर पर महाकुंभ के आयोजन करने के बाद भी राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं और मेडिकल फैसिलिटी के नाम पर कोई भी पुख्ता तैयारी नहीं की है और इसका अंजाम महाकुंभ में आए साधु संतों को भुगतना पड़ रहा है

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हरिद्वार में एक कोरोना संक्रमित संत की वेंटिलेटर बेड नहीं मिलने से दर्दनाक मृत्यु हो गई। बता दें कि संत कोरोना संक्रमित पाया गया था और इसी बीच उनकी तबीयत बिगड़ गई जिसके बाद उनको अस्पताल ले जाया गया मगर वहां पर वेंटिलेटर बेड नहीं मिलने से उनकी मृत्यु हो गई। हरिद्वार , एम्स ऋषिकेश और दून अस्पताल कहीं पर भी वेंटिलेटर बेड उपलब्ध नहीं थे जिसके बाद महाकुंभ में आए संत ने समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण दम तोड़ दिया। बता दें कि हरिद्वार में अब तक कई संत पॉजिटिव मिले हैं। हरिद्वार में 10 अप्रैल से लेकर 19 अप्रैल तक 5909 कोरोना संक्रमित मिले हैं। इतने बड़े स्तर पर महाकुंभ का आयोजन करवाने के बाद भी स्वास्थ्य सुविधाओं में इस प्रकार की लापरवाही सरकार के ऊपर पर तमाम सवाल खड़े कर देती है। संत को सही समय पर वेंटिलेटर नहीं मिलना सरकार और स्वास्थ्य विभाग की विफलता है।

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उत्तराखंड में खतरे की घंटी बज चुकी है और इसके बावजूद भी सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने की ओर कोई भी कदम नहीं लिया जा रहा है। उत्तराखंड में न ही पर्याप्त मात्रा में आईसीयू है, न ही ऑक्सीजन और न ही वेंटीलेटर बेड जिस कारण आधे से ज्यादा मरीजों को हॉस्पिटल में भर्ती नहीं किया जा पा रहा है और इसी का दुष्परिणाम यह है कि उत्तराखंड में मृत्यु दर तेजी से बढ़ रही है और लोग स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी की कीमत अपनी जान दे कर चुका रहे हैं। हरिद्वार में बाबा रामदेव के 3 प्रतिष्ठानों में भी कोरोना के कई केस आ चुके हैं। बाबा रामदेव के पतंजलि योग ग्राम में 20 पॉजिटिव, पतंजलि योगपीठ में 10 और आचार्यकुलम में 9 कोरोना संक्रमित मिले हैं। हरिद्वार में अब तक 22560 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं जिनमें से 15722 मरीज रिकवर कर चुके हैं। हरिद्वार में अब 6091 एक्टिव केस बचे हैं और हरिद्वार में अभी तक 193 मरीजों ने दम तोड़ दिया है।