उत्तराखंड देहरादूनViral and typhoid in Uttarakhand

उत्तराखंड में कोरोना के बीच दो और बीमारियों का डर...खुद को ऐसे रखें सुरक्षित

प्रदेश में कोविड के अलावा तेजी से फैल रही हैं कोविड के लक्षणों वाली यह दो बीमारियां। जानिए कैसे आप खुद को इन बीमारियों से सुरक्षित रख सकते हैं।

Coronavirus in uttarakhand: Viral and typhoid in Uttarakhand
Image: Viral and typhoid in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: प्रदेश में जहां एक ओर लोग कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में तेजी से आ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर प्रदेश में वायरल और टाइफाइड बुखार भी तेजी से फैल रहा है। ऐसे में अगर किसी को बुखार आता है तो सबसे पहला ख्याल कोरोना का ही आता है मगर यह सच नहीं है। ऐसे में अगर आपको भी बुखार आता है डरिए नहीं। बल्कि तुरंत ही डॉक्टर से कंसल्ट करिए। मौसम बदलने के साथ ही वायरल और टाइफाइड जैसे बुखार तेजी से फैलते हैं। दरअसल कोविड-19, वायरल एवं टाइफाइड फीवर के लक्षण लगभग एक समान होते हैं जिस वजह से तीनों में से कोरोना की पहचान करना मुश्किल हो जाता है। इसी वजह से डॉक्टर समय-समय पर जागरूकता फैला रहे हैं और लोगों को सलाह दे रहे हैं। डॉक्टरों का कहना है कि बुखार आने पर घबराएं नहीं और किसी प्रशिक्षित डॉक्टर से सलाह लें। उनका कहना है कि मौसम बदलने के कारण इन दिनों वायरल फीवर और टाइफाइड फीवर होना लोगों के बीच में आम हो गया है। जब मौसम बदलता है तब तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण हमारे शरीर की प्रतिरक्षा तंत्र कमजोर पड़ जाता है और हमारा शरीर जल्द ही बुखार की चपेट में आ जाता है।

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डॉक्टरों का कहना है कि वायरल और टाइफाइड होने के और भी कई कारण हैं जिनमें हमारे खानपान की गड़बड़ी, शारीरिक कमजोरी या मौसम में बदलाव शामिल है। उन्होंने कहा है कि वायरल और टाइफाइड हमारे शरीर की इम्युनिटी को कमजोर कर देता है जिस वजह से यह वायरल बहुत ही तेजी से एक इंसान से दूसरे इंसान पहुंच जाता है। ऐसे में अधिकांश लोगों को बुखार होते ही सबसे पहले कोरोना का डर सताता है। मगर यह सच नहीं है। ऐसे में आप भी बिल्कुल न घबराएं और बुखार आते ही तुरंत किसी डॉक्टर से विमर्श करें। कोरोना संक्रमण और वायरल एवं टाइफाइड के लक्षण लगभग एक समान होते हैं मगर वायरल और टाइफाइड में कोरोना के जितने गंभीर लक्षण नहीं दिखते हैं। दरअसल कोरोना संक्रमण में लगातार खांसी आती है और 1 घंटे या फिर उससे अधिक वक्त तक खांसी आ सकती है। इसी के साथ बुखार भी कोरोना के संक्रमण में होना आम बात है। 24 घंटों में कम से कम 3 बार आपको बुरी तरह खांसी हो सकती है। इसी के अलावा गंध और स्वाद भी कोरोना में चला जाता है जिस को नजरअंदाज करना भारी साबित हो सकता है। इसी के साथ एक सबसे बड़ा लक्षण जो कि कोरोना के मरीजों में आमतौर पर देखा गया है वह है ऑक्सीजन लेवल का लगातार कम होना। इसी कारण कोविड से ग्रसित मरीजों की सांस एक स्वस्थ मनुष्य के मुकाबले ज्यादा फूलती है अगर आपको भी बुखार के दौरान इस प्रकार के लक्षण हैं तो बिना देरी के किसी डॉक्टर से विमर्श कर जल्द से जल्द टेस्ट करवाएं।

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बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर आनंद मोहन का कहना है कि वायरल और टाइफाइड की चपेट में आमतौर पर बच्चे ज्यादा आ रहे हैं क्योंकि बच्चों के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से विकसित नहीं होती है। बच्चों में तापमान अधिक होने के कारण डिहाइड्रेशन भी हो सकता है और उनके अंदर यह बुखार अधिक देखा जाता है। ऐसे में बच्चों को समय-समय पर मल्टीविटामिन देते रहें और बच्चों को दूसरों के संपर्क में कम आने दें। वहीं खांसी एवं सांस रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजीव गुप्ता का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बीच वायरल एवं टाइफाइड के लक्षण होने लगभग एक समान है। ऐसे में डरने की बजाय किसी प्रशिक्षित डॉक्टर से ही सलाह लें और उनके कहने पर जरूर टेस्ट करवाएं। डॉक्टरों ने वायरल और टाइफाइड से बचाव के लिए खानपान को ठीक रखने की सलाह दी है और उसी के साथ उन्होंने कहा है कि समय-समय पर मल्टीविटामिन एवं अन्य जरूरी दवाइयां नियमित रूप से खाते रहें। वायरल और टाइफाइड बहुत ही तेजी से लोगों के बीच में फैलता है और अगर किसी परिवार के एक सदस्य को यह बुखार हुआ है तो काफी अधिक संभावना है कि अन्य सदस्य भी वायरल और टाइफाइड की चपेट में आ जाएं। इसलिए बिना देरी के डॉक्टर से विमर्श करें और अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए जरूरी दवाइयां एवं ताजे फल एवं सब्जियों का सेवन नियमित तौर पर सेवन करते रहें।