उत्तराखंड देहरादूनDehradun DM directs hospitals about oxygen demand

देहरादून: अस्पतालों को DM के सख्त निर्देश, ऑक्सीजन खत्म होने से 24 घंटे पहले बता दें

डीएम ने कहा कि अस्पतालों को ऑक्सीजन, दवा और अन्य संसाधनों को लेकर जिला प्रशासन को 24 घंटे पहले सूचना देनी होगी, ताकि मरीजों को सही समय पर उपचार मिल सके।

Coronavirus in uttarakhand: Dehradun DM directs hospitals about oxygen demand
Image: Dehradun DM directs hospitals about oxygen demand (Source: Social Media)

देहरादून: राजधानी देहरादून में हाल बुरे हैं। ऑक्सीजन, बेड और वेंटिलेटर के साथ जीवनरक्षक दवाओं की कमी बनी हुई है। देहरादून उत्तराखंड के उन जिलों में से एक है, जहां कोविड के सबसे ज्यादा केस मिल रहे हैं। कोविड से मौत के मामले में भी देहरादून हर दिन डराने वाले रिकॉर्ड बना रहा है। राज्य सरकार कह रही है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है, लेकिन अगर ये सच है तो फिर मरीजों को समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर मिल क्यों नहीं रहे। कहीं न कहीं इसकी एक वजह ऑक्सीजन की मांग समय पर न होना भी है। ऐसे मुश्किल हालात से निपटने के लिए डीएम देहरादून डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने अस्पतालों के लिए नए आदेश जारी किए हैं। इसके मुताबिक अब अस्पतालों को ऑक्सीजन की मांग कम से कम 24 घंटे पहले करनी होगी। ताकि समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। देहरादून के कई अस्पतालों द्वारा इमरजेंसी की स्थिति में ऑक्सीजन की मांग की जा रही है।

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आपातकाल में सिर्फ 4-5 घंटे पहले प्रशासन को ऑक्सीजन की कमी के बारे में बताया जा रहा है, जो कि बड़ा रिस्क है। डीएम आशीष श्रीवास्तव के अनुसार ऑक्सीजन की मांग सिर्फ 4-5 घंटे पहले करने की स्थिति में कभी भी कोई दुर्घटना घटित हो सकती है। ऐसे में जिले के सभी चिकित्सा प्रबंधकों से कहा गया है कि वो ऑक्सीजन की मांग कम से कम 24 घंटे पहले करें। इस बारे में नोडल अधिकारी को 24 पहले सूचित करें। निर्देश जारी होने पर भी अगर इसमें लापरवाही बरती गई या दुर्घटना हुई तो उसके लिए संबंधित चिकित्सा प्रबंधन जिम्मेदार होगा। ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी। इस तरह देहरादून के सभी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान दवा, ऑक्सीजन और अन्य जरूरी संसाधन के लिए 24 घंटे पहले डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन को जानकारी देनी होगी। ताकि समय रहते अस्पतालों की जरूरत पूरी की जा सके, और मरीज को बेहतर इलाज मिल सके।