उत्तराखंड देहरादूनMany people died due to black fungus disease in Uttarakhand

उत्तराखंड: कोरोना के बीच ब्लैक फंगस बीमारी का खौफ, कई लोगों की मौत..जानिए क्या हैं लक्षण

उत्तराखंड में कोरोना महामारी से जूझ रहे लोगों के बीच अब ब्लैक फंगस ने दस्तक दे दी है। देहरादून में कई लोग कोरोना से जंग जीत कर इस ब्लैक फंगस की चपेट में आ कर जिंदगी गंवा चुके है।

Many people died due to black fungus disease in Uttarakhand: Many people died due to black fungus disease in Uttarakhand
Image: Many people died due to black fungus disease in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: पूरे प्रदेश भर में कोरोना संक्रमण हाहाकार मचा रहा है और लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। लोग तेजी से इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। यह जंग दिन-प्रतिदिन मुश्किल साबित हो रही है। मगर यह जंग केवल इस वायरस तक सीमित नहीं है। अब कोरोना के साथ ही एक और गंभीर समस्या राज्य में उत्पन्न हो गई है जिस वजह से स्वास्थ्य विभाग परेशानी में आ रखा है। कोरोना से रिकवर हुए लोगों के बीच एक सीरियस हेल्थ कंडीशन तेजी से देखने को मिल रही है जो कि जानलेवा भी साबित हो रही है। हम बात कर रहे हैं कोरोना महामारी के बीच फैलते हुए ब्लैक फंगस की। यह एक प्रकार का जानलेवा फंगस होता है जो कि अधिकांश समय घातक साबित होता है और लोगों की जान ले लेता है। उत्तराखंड से पहले यह दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में भी देखा जा चुका है। देहरादून में भी ब्लैक फंगस तेजी से फैल रहा है और कई लोगों की जान भी ले चुका है। उत्तराखंड में कोरोना से संक्रमित कई मरीज इस वायरस को तो हरा रहे हैं मगर उसके बाद में ब्लैक फंगस की गिरफ्त में आ रहे हैं और जिंदगी से हाथ धो रहे हैं।

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देहरादून में ब्लैक फंगस के कारण कई मरीजों को अपनी जिंदगी गंवानी पड़ी है। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि कोरोना से रिकवर होने के बाद लोग इस फंगस की चपेट में आ रहे हैं। इसका मतलब है कि अब यह जंग केवल कोरोना को हराने तक सीमित नहीं है। इस फंगस के बारे में आरोग्यधाम अस्पताल के निदेशक एवं वरिष्ठ गैस्ट्रो सर्जन डॉ विपुल कंडवाल बताते हैं कि उनके अस्पताल में कोरोना से संक्रमित हुए कई ऐसे मरीज भी आ रहे हैं जिनको इस ब्लैक वायरस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है और ऐसे मरीजों को कोरोना की दवाओं के साथ एंटी फंगल वैक्सीन और अन्य दवाइयां भी दी गई हैं। उनका कहना है कि मरीजों को तमाम एंटीफंगल वैक्सीन और दवाइयां देने के बावजूद भी कई मरीजों को बचाया नहीं जा सका है। ऐसे में यह ब्लैक फंगल इंफेक्शन घातक साबित हो रहा है और कई लोगों की जान ले रहा है। कोरोना वायरस और यह ब्लैक फंगस बैक्टीरिया साथ मिलकर मरीज को अंदरूनी तौर पर काफी हद तक क्षति पहुंचा रहे हैं। इसको बचाना डॉक्टरों के लिए भी काफी चुनौतीपूर्ण है जिस कारण अत्यधिक मरीजों को बचाया नहीं जा सका है। वहीं वरिष्ठ पल्मनोलॉजिस्ट डॉ अंकित अग्रवाल का कहना है कि ब्लैक फंगस की गिरफ्त में आने के बाद मरीजों की जिंदगी को बचाना काफी मुश्किल साबित हो रहा है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने अभी तक जितने भी संक्रमित मरीजों का इलाज किया है उनमें से अधिकांश को ब्लैक फंगस का भी सामना करना पड़ा है। कोरोना से जूझ रहे लोगों के बीच में ब्लैक फंगस की बीमारी उत्पन्न होने से परिस्थितियां और अधिक जटिल हो गई हैं।

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चलिए आपको बताते हैं कि ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीजों के अंदर किस प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं।
1) मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है।
2) मरीज के आंख और कान के पास में दर्द होता है।
3) मरीज की नाक से काला कफ जैसा तरल पदार्थ बाहर निकलता है।
4) मरीज को खून की उल्टी होती है और इसी के साथ में सिर दर्द और बुखार रहता है।
5) मरीजों को सीने में दर्द होता है और इसी के साथ में चेहरे में दर्द और सूजन का एहसास होता है।
6)कई मरीजों की आंखें कमजोर हो जाती हैं और उनको धुंधला दिखाई देता है।
7) मरीजों को दांतों और जबड़ों में ताकत कम महसूस होने लगती है।
8)हालत बिगड़ने पर मरीज बेहोश हो जाता है।
आपको बता दें कि डायबिटिक पेशेंट्स के अंदर इस इंफेक्शन के फैलने का खतरा अधिक रहता है और इसी के साथ में कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर भी यह फंगस तेजी से हमला करता है। डॉक्टरों का कहना है की अत्यधिक स्टेरॉयड के कारण भी यह फंगस तेजी से लोगों के बीच में फैल रहा है। इससे बचने का उपाय है कि कोरोना संक्रमित मरीज का खासा ख्याल रखें और सफाई का भी ध्यान दें। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना से संक्रमित मरीजों को ब्लैक फंगस से बचाया जा सकता है और इसके लिए आईसीयू एवं घर में भर्ती मरीजों के ऑक्सीजन मास्क की समय-समय पर सफाई करनी चाहिए और इसी के साथ फ्लो मीटर के साथ लगी बोतल के पानी को भी नियमित अंतराल पर बदलना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि सादे पानी की जगह डिस्टिल्ड वॉटर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। डॉक्टरों ने इसी के साथ अपने इम्यून सिस्टम को बढ़ाने की सलाह दी है और अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक फलों और हरी सब्जियों को अपनी डाइट में शामिल किया जाए और साथ में नियमित रूप से प्राणायाम और योग भी इस इंफेक्शन से बचाने में लाभदायक होते हैं।