उत्तराखंड हरिद्वारBike thief gang leader arrested in Haridwar

उत्तराखंड: महंगी चीजों के शौक ने B.sc के छात्र को बना दिया चोरों का सरगना..16 बाइक बरामद

उत्तराखंड के हरिद्वार में सट्टे की लत और महंगी चीजों के शौक ने बीएससी के छात्र को वाहन चोरी के गिरोह का सरदार बना दिया।

Haridwar News: Bike thief gang leader arrested in Haridwar
Image: Bike thief gang leader arrested in Haridwar (Source: Social Media)

हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार से एक चौंका देने वाला मामला सामने आया है जहां पर बीएससी का एक छात्र वाहन चोरी की घटना में संलिप्त पाया गया है। केवल इतना ही नहीं बल्कि आरोपी छात्र वाहन चोरी करने वाले गैंग का मुखिया बताया जा रहा है। जी हां, सट्टे की लत और महंगे शौक का भूत छात्र के ऊपर इस कदर सवार हुआ की इस ने छात्र को वाहन चोर गिरोह का मुखिया बना दिया। बता दें कि आरोपी छात्र की पहचान वकुल के रूप में हुई है जो कि गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई कर रहा है और वह ज्वालापुर के अंबेडकर नगर में किराए के मकान पर रहता था। आपको बता दें कि आरोपी छात्र आईपीएल में सट्टेबाजी करता था और अपने महंगे शौक को पूरा करने के लिए वह बाइक चोरी करता था। पुलिस ने गिरोह के पास से कुल 16 बाइक बरामद की है जिनमें से 15 स्प्लेंडर हैं। आरोपी ने बताया कि उनका गिरोह स्प्लेंडर बाइक की ज्यादा चोरी करता था क्योंकि उसका लॉक किसी भी दूसरी चाबी से आसानी से खुल जाता है इसीलिए स्प्लेंडर बाइक ही गिरोह के निशाने पर अधिक रहती थी। आगे पढ़िए

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बाइक खरीद कर वह ग्रामीण क्षेत्रों में उसको सस्ते दामों में बेच दिया करते थे। आपको बता दें कि आरोपी वकुल बाइक चोरी गैंग का मुखिया है और वह अपने गिरोह के साथ मिलकर बाइक चोरी घटना को अंजाम दिया करता था। वह बाइक चोरी की घटना के लिए अपने गांव माहेश्वरी के अलावा सहारनपुर और लक्सर से भी अपने साथियों को बुलाता था और देहात के क्षेत्र में चोरी की हुई बाइकों को केवल 5 से 7 हजार में बेच देता था और जो भी मुनाफा होता था यह सारे लोग आपस में बांट लेते थे। पूछताछ में आरोपी वकुल ने बताया कि वह आईपीएल मैच में सट्टा लगाने का आदी हो गया था और जब भी उसको सट्टा लगाने के लिए पैसों की जरूरत पड़ती थी तब वह लक्सर और सहारनपुर से अपने दोस्तों को बुलाता था और सभी गिरोह के सदस्य मिलकर बाइक चोरी करते थे और उसको बेचकर पैसे कमाते थे

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आरोपी ने पूछताछ में बताया कि बाइक बेचने से पहले वे उसकी नंबर प्लेट को हटा देते थे और ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर यह बाइक बेच देते थे। सबसे अधिक ताज्जुब की बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में लोग चोरी की बाइक होने के बावजूद भी उनसे यह बाइक खरीदते थे। गिरोह द्वारा चोरी की बाइक खरीदने वाले को यह पहले से ही कह दिया जाता था कि बाइक केवल गांव के अंदर ही चलानी है इसलिए आज तक कभी भी बाइक चोरी का पता नहीं लग सका। पुलिस ने इस गिरोह से चोरी की बाइक खरीदने वाले लोगों के घरों पर दबिश दी तो लोगों के बीच में हड़कंप मच गया और अधिकांश लोगों ने पुलिस को गिरोह से खरीदी हुई चोरी की बाइकें सौंप दीं। पुलिस ने वाहन चोरी के मुखिया वकुल और उसके साथियों को अपनी गिरफ्त में ले लिया और अब उनसे पूछताछ कर उनके ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।