पौड़ी गढ़वाल: समस्त उत्तराखंड इस समय कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है। सबसे अधिक चिंता की बात यह है कि अब यह शहरों से निकलकर ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेजी से फैल रहा है और पहाड़ों पर लोग तीव्रता से इस संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। शहरों के बाद कोरोना अब गांवों के अंदर दहशत पैदा कर रहा है। बता दें कि उत्तराखंड में हर पांचवा पॉजिटिव मरीज गांव में पाया जा रहा है जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग भी बेहद चिंता में आ रखा है। उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान में तकरीबन 16 हजार एक्टिव मरीज मौजूद हैं जिनमें से 14,851 मरीज आइसोलेशन में हैं और अन्य लोगों का अस्पताल में उपचार चल रहा है। बीते 1 महीने में उत्तराखंड के गांवों में तकरीबन 233 मरीज इस वायरस के खिलाफ जिंदगी की जंग हार गए हैं और उनकी मृत्यु हो गई है।
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स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में नैनीताल जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 2951 संक्रमित मरीज मौजूद हैं जिनका उपचार चल रहा है। वहीं पौड़ी गढ़वाल में 2472 वर्तमान में संक्रमित हैं। रुद्रप्रयाग में 2192, चमोली जिले में 1615, हरिद्वार में 1473, उत्तरकाशी में 1340, टिहरी गढ़वाल में 1205, देहरादून में 1129, पिथौरागढ़ में 1030, अल्मोड़ा में 366, बागेश्वर में 107, उधम सिंह नगर में 85 और चंपावत में 17 मरीज वर्तमान में कोरोना से जूझ रहे हैं और उनका उपचार चल रहा है। चमोली जिले में गांवों में शहरों से अधिक संक्रमित लोग पाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार चमोली जिले में अब तक कुल 8558 मरीज इस संक्रमण की चपेट में आए हैं जिनमें लगभग 5000 मरीज ग्रामीण क्षेत्रों से हैं। चमोली जिले में अब तक 5918 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं।
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शहरों के बाद अब कोरोना ने गांवों में हमला कर दिया है जिसके बाद पंचायती राज विभाग 21 अप्रैल से ग्राम पंचायतों में कोविड के केसों के ऊपर नियमित रूप से निगरानी रख रहा है। रिपोर्ट के अनुसार बीते मंगलवार को प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 15,981 एक्टिव मरीज थे जिनमें से 14,851 मरीज हो आइसोलेशन में थे, 122 पंचायतों में बने क्वॉरेंटाइन सेंटर और 1,008 मरीजों की हालत गंभीर होने के बाद उनको अस्पताल में भर्ती किया गया है। रिकवरी दर की बात करें तो बीते 21 अप्रैल से ग्रामीण इलाकों में कुल 13,421 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। स्वास्थ्य सेवाओं के विशेषज्ञ अनूप नौटियाल के अनुसार बीते 14 से 16 मई के बीच में हरिद्वार, नैनीताल, देहरादून और यूएसनगर जैसे शहरी आबादी वाले जिलों में संक्रमण की दर औसत से 15% कम रही तो वहीं पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा रुद्रप्रयाग जैसे मुख्य रूप से ग्रामीण आबादी वाले जिलों में संक्रमण की दर 20% से अधिक रही जो कि बेहद चिंताजनक है। इसका अर्थ है कि शहरों से ज्यादा अब यह वायरस गांव में फैल रहा है और वर्तमान में उत्तराखंड के गांवों में सिचुएशन कंट्रोल में करने की सख्त जरूरत है।