उत्तराखंड पिथौरागढ़White owl found in Pithoragarh Chaukori

पहाड़ में सड़क पर घायल मिला दुर्लभ प्रजाति का सफेद उल्लू..वन विभाग ने बचाई जान

पिथौरागढ़ के बेरीनाग में हाल ही में सड़क पर घायल अवस्था में मिला दुर्लभ प्रजाति का सफेद उल्लू, वन विभाग ने मौके पर पहुंच कर कराया इलाज।

white owl pithoragarh: White owl found in Pithoragarh Chaukori
Image: White owl found in Pithoragarh Chaukori (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ के बेरीनाग में स्थित चौकोड़ी के कोटमन्या-पांखू मोटर मार्ग पर हाल ही में एक उल्लू लोगों के बीच में कौतूहल का विषय बन गया। कारण सुनकर आप भी चौंक उठेंगे। दरअसल यह दुर्लभ प्रजाति का उल्लू सफेद रंग का था। कल पूरे दिन सफेद उल्लू को देखने के लिए जमावड़ा लगा रहा और यह सफेद उल्लू लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा। उल्लू की उम्र तकरीबन डेढ़ साल बताई जा रही है। बता दें कि चौकोड़ी के कोटमन्या-पांखू मोटर मार्ग पर लोगों को दुर्लभ प्रजाति का सफेद उल्लू घायल अवस्था में मिला इसके बाद वन विभाग की टीम ने उल्लू का रेस्क्यू कर उसको पशु चिकित्सालय पहुंचाया जहां पर उसका इलाज किया गया। यह दुर्लभ प्रजाति का सफेद उल्लू आमतौर पर उच्च हिमालय क्षेत्र में पाया जाता है। चिकित्सकों ने सावधानी के साथ उल्लू का इलाज किया और अब इलाज के बाद उसको चौकोड़ी के जंगल में छोड़ दिया गया है।

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दरअसल बीते गुरुवार को पिथौरागढ़ के चौकोड़ी के कोटमन्या-पांखू मोटर मार्ग पर कुछ लोगों को यह सफेद लोग घायल अवस्था में पड़ा हुआ दिखाई दिया। सफेद उल्लू को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुट गई और मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने उल्लू के मिलने की सूचना वन विभाग को दी और वन दारोगा ज्योति वर्मा अपनी टीम के साथ वहां मौके पर पहुंची और टीम ने बेहद सावधानी के साथ उल्लू को अपने कब्जे में लिया और बिना देरी के पशु चिकित्सालय पहुंचाया गया जहां पर डॉक्टर प्रणव ने उल्लू का स्वास्थ्य निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि उल्लू के शरीर में किसी भी प्रकार के चोट के निशान नहीं पाए गए हैं और ना ही कोई बीमारी मिली है। डॉक्टर प्रणब ने बताया कि उल्लू पूरी तरह से स्वस्थ है और इसकी उम्र लगभग डेढ़ वर्ष की है। वन क्षेत्राधिकारी चंदा मेहरा ने बताया है कि साथियों से अलग होने या तेज हवा चलने से उल्लू भटक गया और घायल हो गया। उन्होंने बताया कि ऐसा उल्लू आमतौर पर उच्च हिमालय क्षेत्र में पाया जाता है और इस उल्लू को जंगलों में ही वापस छोड़ दिया गया है।