उत्तराखंड देहरादून6 musk deer seen in Kedarnath Wildlife Division

केदारघाटी में अठखेलियां करते दिखे अति दुर्लभ कस्तूरी मृग..उत्साहित हुआ वन विभाग

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के कांचुला खर्क और सौर पार्क में अति दुर्लभ जीवों में शामिल कस्तूरी मृग कुलांचे भरते हुए नजर आए। कैमरे में कैद हुई 6 मृगों की सुखद तस्वीर।

Kedarnath Wildlife Division: 6 musk deer seen in Kedarnath Wildlife Division
Image: 6 musk deer seen in Kedarnath Wildlife Division (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखण्ड का राज्य पक्षु कस्तूरी मृग प्रकृति के सुंदरतम जीवों में से एक है। 2-5 हजार मीटर ऊंचे हिम शिखरों में पाए जाने वाले कस्तूरी मृग वैज्ञानिक नाम मास्कस कइसोगास्टर (Moschus Chrysogaster) है। इसे ‘हिमालयन मस्क डिअर’ के नाम से भी जाना जाता है। आपको बता दें कि उत्तराखंड का यह दुर्लभ जीव हाल ही में केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में कुलांचे भरते हुए नजर आए। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के कांचुला खर्क और सौर पार्क में अति दुर्लभ जीवों में शामिल कस्तूरी मृग कुलांचे भरते हुए नजर आए इसके बाद वन प्रभाग के अधिकारियों एवं सभी कर्मचारियों के बीच में खुशी का माहौल दिखाई दिया। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में कस्तूरी मृग की मौजूदगी और उनकी बढ़ती संख्या से वन विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी भी उत्साहित हैं। आपको बता दें कि वन प्रभाग के कैमरे में छह कस्तूरी मृग कैद हुए हैं। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के कैमरों में 6 कस्तूरी मृग तस्वीरों में कैद हुए हैं जो कि एक अच्छा संकेत है। उन्होंने कहा है कि वन प्रभाव कस्तूरी मृग की संरक्षण हेतु लगातार प्रयास कर रहा है।

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केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में कुल छह कस्तूरी मृगों की मौजूदगी देखी गई है जो कि चट्टानी भाग में घूमते दिखे हैं। कस्तूरी मृग एक बेहद दुर्लभ जीव है जिसको संरक्षण की अति आवश्यकता है और कस्तूरी मृगों की संख्या में तेजी से गिरावट को देखते हुए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग हिमालय कस्तूरी मृग के संरक्षण पर विशेष रूप से जोर दे रहा है और वन्यजीवों की तस्करी को रोकने के लिए वन विभाग की टीम भी संरक्षित वन क्षेत्र में लगातार गश्त करने में लगी हुई है। केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि केदारनाथ वन्य जीव अभ्यारण का गठन हिमालयी कस्तूरी मृगों के संरक्षण के लिए किया गया है। कस्तूरी मृग लगभग 2500 मीटर की ऊंचाई वाले पहाड़ों पर पाया जाता है। अपने सौन्दर्य के साथ-साथ अपनी नाभि में पायी जाने वाली कस्तूरी के लिए विश्व प्रसिद्ध कस्तूरी मृग में कस्तूरी केवल नर मृग में पायी जाती है। यह इसके पेट के निचले हिस्से में एक थैली में मौजूद होती है। इस कस्तूरी का उपयोग औषधि के रूप में मिर्गी, निमोनिया, दमा आदि की दवाएं बनाने में होता है।