उत्तराखंड देहरादूनIMA Passing Out Parade Dehradun

देहरादून: IMA ने सेना को दिए 341 जांबाज आर्मी अफसर..उत्तराखंड के 37 कैडेट्स शामिल

तेज बारिश और हवाओं के चलते कार्यक्रम को कुछ देरी से शुरू किया गया, लेकिन इसका असर जेंटलमैन कैडेट्स के जोश पर नहीं दिखा।

Dehradun IMA: IMA Passing Out Parade Dehradun
Image: IMA Passing Out Parade Dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: भारतीय सेना के लिए शनिवार का दिन बेहद खास रहा। दिल में देशभक्ति का जुनून लिए 341 युवा अफसर आज भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। देहरादून में भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण इस बार कार्यक्रम को डिले किया गया, यह परेड सुबह 8 बजे से शुरू हुई। परेड में अंतिम पग पार करने के बाद 341 युवा अफसरों की टोली देश पर मर-मिटने की शपथ लेकर भारतीय सेना में शामिल हो गई। सुबह ऐतिहासिक चेटवुड भवन के सामने ड्रिल स्क्वायर पर परेड शुरू हुई। सेना के दक्षिण-पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग ले. जनरल आरपी सिंह ने बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर परेड का निरीक्षण कर जेंटलमैन कैडेट्स से सलामी ली। पासिंग आउट परेड में पीपिंग सेरेमनी के दौरान जेंटलमैन कैडेट्स के परिजन भी मौजूद रहते थे, लेकिन कोरोना की वजह से इस बार भी परेड सादगी से आयोजित हुई। पीओपी में शपथ लेने वाले 341 जेंटलमैन कैडेट्स में 37 कैडेट उत्तराखंड के हैं।

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जेंटलमैन कैडेट्स को परिजनों की कमी खली तो जरूर होगी, लेकिन इसका उनके जोश पर किसी तरह का असर नहीं दिखाई दिया। आज पासिंग आउट परेड दो घंटे की देरी से शुरू हुई। डिप्टी कमांडेंट जगजीत सिंह ने परेड की सलामी ली। कमांडेंट हरिंदर सिंह ने परेड की सलामी ली। जिसके बाद ले. जनरल आरपी सिंह परेड स्थल पहुंचे और परेड की सलामी ली। पीपिंग व ओथ सेरेमनी के बाद 425 जेंटलमैन कैडेट्स बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। भारतीय थलसेना को 341 युवा सैन्य अधिकारी मिले। जबकि 84 युवा सैन्य अधिकारी नौ मित्र देशों अफगानिस्तान, तजाकिस्तान, भूटान, मॉरीशस, श्रीलंका, वियतनाम, टोंगा, मालदीव और किर्गिस्तान की सेना का अभिन्न अंग बने। भारतीय सैन्य अकादमी में जेंटलमैन कैडेट्स विभिन्न पारिवारिक पृष्ठभूमि से पहुंचते हैं। हर जेंटलमैन कैडेट्स की अपनी एक सोच और कहानी होती है। ऐसे में इन युवाओं को एक समान प्रशिक्षण देते हुए एक मजबूत नेतृत्व क्षमता वाला अफसर बनाना बड़ी चुनौती होता है। भारतीय सैन्य अकादमी देश-विदेश की सेना को 62 हजार 987 युवा अधिकारी दे चुकी है। जिनमें मित्र देशों को मिले 2587 सैन्य अधिकारी भी शामिल हैं।