उत्तराखंड देहरादूनNumber formula fixed for Uttarakhand board students

उत्तराखंड बोर्ड छात्रों को इस आधार पर दिए जाएंगे नंबर, तय हुआ मूल्यांकन का फॉर्मूला

शिक्षा विभाग ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के परिणाम का मूल्यांकन आधार तय कर लिया है। इस प्रस्ताव को जल्द ही विभाग की बैठक में रखा जाएगा।

Uttarakhand Board: Number formula fixed for Uttarakhand board students
Image: Number formula fixed for Uttarakhand board students (Source: Social Media)

देहरादून: कोरोना ने सब कुछ बदल कर रख दिया है। इसका सबसे ज्यादा असर देश की अर्थव्यवस्था और बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा है। क्योंकि जब से कोरोना आया है बच्चों के स्कूल नहीं खुले हैं। ऑनलाइन पढ़ाई भी बस कहने को ही चल रही है। नेटवर्क के लिए छात्र एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ तक का सफर तय कर रहे हैं, ताकि किसी तरह पढ़ाई जारी रख सकें। कोरोना के कारण इस साल 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं भी रद्द कर दी गईं, लेकिन सत्र तो नियमित रखना ही पड़ेगा। इसलिए सरकार ने इन कक्षा के छात्रों को अंक देने का आधार तय कर लिया है। शिक्षा विभाग ने 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं के परिणाम का मूल्यांकन आधार तैयार कर लिया है। इस प्रस्ताव को जल्द ही शिक्षा विभाग की बैठक में रखा जाएगा। मूल्यांकन के लिए फार्मूला तय करने की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग ने कमेटी को दी थी। कमेटी की बैठक में तय किया गया कि, 10वीं और 12वीं के छात्रों को पूर्व की परीक्षाओं के अंकों के आधार पर नंबर दिए जाएंगे।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड में ‘जुगाड़ सत्र’ तो हमेशा खुला है! पढ़िए वरिष्ठ पत्रकार इन्द्रेश मैखुरी का ब्लॉग
चलिए अब आपको फॉर्मूले के बारे में बताते हैं। इसके अनुसार 10वीं के छात्रों को कक्षा 9 की परफॉर्मेंस के आधार पर अंक दिए जाएंगे। यही फॉर्मूला 12वीं के छात्रों के लिए भी अपनाया जाएगा। 12वीं के छात्रों को 11वीं की परफॉर्मेंस के आधार पर मार्क्स मिलेंगे। इसके साथ ही कमेटी द्वारा सभी स्कूलों से फरवरी और मार्च में हुए मासिक टेस्ट के अंक भी मांगे गए हैं। अंक देते वक्त प्रैक्टिकल में मिले अंकों को भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए स्कूलों से प्रैक्टिकल संबंधी पुराने रिकॉर्ड मांगे गए हैं। इसी के आधार पर छात्रों को प्रैक्टिकल के अंक दिए जाएंगे। विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक विनय शंकर पांडे के मुताबिक कमेटी की बैठक में मूल्यांकन का आधार तय किया गया है। सभी स्कूलों से फरवरी और मार्च में हुए मासिक टेस्ट के अंक और प्रैक्टिकल की परफॉर्मेंस मांगी गई है। इन्हें भी रिजल्ट का आधार बनाया जाएगा। नवीं और ग्यारहवीं के अंकों के आधार पर मूल्यांकन किया जाएगा।