उत्तराखंड उत्तरकाशीUttarkashi Sudhir Gaur is earning from farming

गढ़वाल: कंडारी गांव का बेटा सुधीर, विदेश की नौकरी छोड़ गांव लौटा..अब खेती से हो रही है कमाई

कभी विदेश में नौकरी करने वाले सुधीर आज अपने गांव में सब्जियों की खेती कर रहे हैं। सेब का बगीचा भी लगाया है, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है।

Uttarkashi News: Uttarkashi Sudhir Gaur is earning from farming
Image: Uttarkashi Sudhir Gaur is earning from farming (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: पलायन से मुकाबला करना है तो पहाड़ियों को आत्मनिर्भर बनना होगा। देर से ही सही कोरोना काल ने ये बात यहां के युवाओं को अच्छी तरह समझा दी है। पहाड़ के पढ़े-लिखे लोग अब शहरों में धक्के खाने के बजाय स्वरोजगार को अपना रहे हैं, गांव लौट रहे हैं। उत्तरकाशी के सुधीर गौड़ रिवर्स पलायन की ऐसी ही शानदार मिसाल हैं। कभी विदेश में नौकरी करने वाले सुधीर आज अपने गांव में सब्जियों की खेती कर रहे हैं। सेब का बगीचा भी लगाया है, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी हो रही है। सुधीर नौगांव के कंडारी गांव में रहते हैं। वो मलेशिया के एक होटल में काम करते थे। कोरोना की एंट्री होते ही साल 2020 में उनकी जॉब चली गई। मार्च में सुधीर गांव लौट आए। 33 साल के सुधीर जॉब छूटने से परेशान तो थे, लेकिन उन्हें गांव लौट आने की खुशी भी थी। वापस आने पर वो गांव में ही रोजगार के मौके ढूंढने लगे। इस बीच सुधीर ने सोचा कि क्यों न गांव में बंजर पड़ी 12 नाली जमीन को ही आबाद किया जाए। परिवार के सदस्यों ने भी सुधीर की मदद की। आगे पढ़िए

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सबने मिलकर बंजर जमीन से झाड़ियां काटी और उसे उपजाऊ बनाया। सुधीर ने यहां शिमला मिर्च, कद्दू, बंद गोभी, मक्की, टमाटर और बैंगन की खेती की। जिससे अच्छी आय हुई। नगदी फसल के सफल नतीजों से उत्साहित होकर सुधीर ने सेब के पेड़ों का बगीचा भी लगाया है। सुधीर कहते हैं कि देहरादून से होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद वो सिंगापुर, थाईलैंड और मलेशिया में काम कर चुके हैं, लेकिन जो सुख गांव में है, उसे शब्दों में नहीं बताया जा सकता। कोरोना के चलते नौकरी चली गई तो उन्होंने माता-पिता से बचपन में मिले खेती के ज्ञान को रोजगार का जरिया बनाने की ठानी और इसमें सफल भी रहे। सुधीर की ही तरह ऐसे सैकड़ों युवा हैं जो रिवर्स पलायन कर गांव में खंडहर पड़े घरों को संवार रहे हैं, बंजर जमीन पर हल चलाकर खेतों-गांवों को गुलजार कर रहे हैं। अगर आपके पास भी कोई ऐसी प्रेरणादायक कहानी हो तो हमारे साथ शेयर जरूर करें। हम इन्हें मंच देने का प्रयास करेंगे।