उत्तराखंड टिहरी गढ़वालDead snake came out of pipeline in Tholdhar

गढ़वाल: पानी की पाइप लाइन से निकला मरा सांप, ये ही पानी पी रहे थे गांव वाले

थौलधार में पेयजल लाइन की सफाई के दौरान पाइप से कीड़े या गंदगी नहीं बल्कि मरा हुआ सांप निकला। घटना के बाद लोगों में जल संस्थान के खिलाफ भारी आक्रोश है।

Tehri Garhwal News: Dead snake came out of pipeline in Tholdhar
Image: Dead snake came out of pipeline in Tholdhar (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: पानी...इंसान की मूलभूत जरूरतों में से एक। सोचिए अगर आपको पता चले कि जो पानी आप पी रहे हैं, वो पानी मरे हुए जहरीले सांप के शरीर से रिसते हुए आप तक पहुंच रहा है, तो आपकी क्या हालत होगी। सोचकर ही झुरझुरी हुई न, ऐसे पानी को तुरंत उल्टी कर देने का मन भी करेगा। टिहरी के एक गांव में रहने वाले ग्रामीण इन दिनों कुछ इसी तरह दिक्कत से गुजर रहे हैं। इस गांव का नाम है भंडार्की, जो कि थौलधार के मैंडखाल में स्थित है। यहां पेयजल लाइन से सफाई के दौरान कीड़े या गंदगी नहीं बल्कि मरा हुआ सांप निकला है। घटना के बाद लोगों में जल संस्थान के खिलाफ भारी आक्रोश है। पाइपलाइन से सांप निकलने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। गांव वालों ने कहा कि जल संस्थान की लापरवाही के चलते लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। पेयजल लाइन और टंकियों की सफाई नहीं होती। आलम ये है कि अब पाइप लाइन से सांप निकलने लगे हैं।

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दरअसल भंडार्की गांव में पानी की सप्लाई बंद हो गई थी। जल संस्थान ने परेशानी पर ध्यान नहीं दिया तो ग्रामीण खुद ही पाइप लाइन की मरम्मत करने गए। इस दौरान पाइप के भीतर से मरा हुआ कोबरा सांप निकला। जिसे देख ग्रामीणों के होश फाख्ता हो गए। ग्रामीणों ने सांप का वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद इलाके में जल संस्थान के खिलाफ भारी आक्रोश का माहौल है। वहीं मामले के तूल पकड़ने के बाद जल संस्थान के अधिकारियों ने कहा कि टैंक में फिल्टर न होने से सांप पाइप लाइन में घुस गया होगा, जिससे पाइप लाइन चोक हो गई। सांप मिलने की सूचना के बाद फिटर को गांव में भेजकर टैंक में दवाई डाल दी गई है। जल्द ही फिल्टर भी लगाया जाएगा। यहां आपको थौलधार जल संस्थान के दफ्तर का हाल भी बताते हैं। इस दफ्तर में न तो बाबू है और न ही जेई। फील्ड में कर्मचारी भी तैनात नहीं हैं। जिस वजह से टैंकों की सफाई नहीं हो रही। ग्रामीण प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं।