उत्तराखंड बागेश्वरRadha death in Bageshwar

उत्तराखंड: डॉक्टरों की लापरवाही ने ली 17 साल की राधा की जान, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप

परिजनों के मुताबिक राधा को लीवर संबंधी दिक्कत थी, लेकिन पहाड़ के डॉक्टर ठीक से इलाज करना तो दूर, मरीज की रिपोर्ट तक नहीं पढ़ पाए.

Bageshwar News: Radha death in Bageshwar
Image: Radha death in Bageshwar (Source: Social Media)

बागेश्वर: बागेश्वर में डॉक्टरों की लापरवाही ने 17 साल की किशोरी की जान ले ली। किशोरी के परिजनों ने इस मामले में डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं, साथ ही अपनी बेटी के लिए इंसाफ भी मांगा है, ताकि किसी और की बच्ची के साथ ऐसा न हो। चलिए पूरा मामला बताते हैं। 17 साल की राधा पांडे पुत्री संतोष पांडे जिले के अयारतोली गांव में रहती थी। कुछ दिन पहले उसकी तबीयत बिगड़ गई। परिजन उसे बैजनाथ के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ले गए। वहां जरूरी टेस्ट और अल्ट्रासाउंड हुआ। रिपोर्ट आने के बाद 16 जुलाई को राधा को इलाज के लिए अस्पताल में एडमिट कराया गया। लेकिन इलाज करने के बजाय डॉक्टरों ने दवा देकर उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया। उधर राधा की हालत बिगड़ रही थी। 18 जुलाई की रात उसकी हालत खराब हो गई। परिजन बच्ची को सीएचसी बैजनाथ ले गए, लेकिन वहां तैनात स्टाफ ने डॉक्टर न होने की बात कहकर बच्ची को एडमिट नहीं किया। आगे पढ़िए

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घबराए हुए परिजन राधा को जिला अस्पताल ले आए, लेकिन यहां भी लापरवाही बरती गई। हालत में सुधार न होने पर 20 जुलाई को उसे रेफर कर दिया गया। परिजन राधा को लेकर हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल समेत बरेली और दिल्ली के कई अस्पतालों में घूमते रहे। वहां इलाज के एवज में परिजनों से लाखों रुपये मांगे गए, जो कि उनके पास नहीं थे। थकहार कर परिजन राधा को वापस हल्द्वानी ले आए, जहां उसकी मौत हो गई। राधा की मौत के बाद पिता संतोष पांडे, चाचा भुवन पांडे और माता बिमला देवी ने अस्पताल के डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पहाड़ में तैनात डॉक्टर रिपोर्ट पढ़ना तक नहीं जानते। राधा को लीवर संबंधी समस्या थी, लेकिन पांच दिन तक डॉक्टर उसके साथ प्रयोग करते रहे, उसकी बीमारी के बारे में कुछ नहीं बता सके। यही लापरवाही हमारी बच्ची को खा गई। परिजनों ने एसडीएम को एक ज्ञापन भेजकर बेटी को इंसाफ दिलाने की मांग की है, ताकि पहाड़ के किसी माता-पिता को अपने बच्चों को असमय न खोना पड़े।