उत्तराखंड नैनीतालWoman filed petition in High Court to get bail for husband

उत्तराखंड: मां बनने के लिए पत्नी ने कोर्ट में लगाई गुहार- ‘जेल में बंद है मेरा पति, उसे बेल दीजिए’

मां बनने के लिए पत्नी ने जेल में बंद बलात्कारी पति की मांगी बेल, उत्तराखंड हाई कोर्ट ने सरकार से मांगी राय

Independence day 2024 Uttarakhand
Nainital High Court Nainital News: Woman filed petition in High Court to get bail for husband
Image: Woman filed petition in High Court to get bail for husband (Source: Social Media)

नैनीताल: आपको यकीन नहीं होगा लेकिन उस महिला की गुहार के बाद हाईकोर्ट ने सरकार से राय मांगी है। कोर्ट ये जानना चाहती है कि आखिर दूसरे देशों में ऐसे मामलों को लेकर क्या स्टैंड लिया जाता है? अब सवाल ये है कि आखिर ये गुहार किसने लगाई? उत्तराखंड हाईकोर्ट में उस महिला ने गुहार लगाई है, जिसका पति नाबालिग के साथ गैंगरेप के मामले में 20 साल जेल की सजा काट रहा है। उस बलात्कारी की पत्नी ने हाईकोर्ट में गुहर लगाई है कि वो मातृत्व सुख चाहती है, इसलिए उसके पति को कुछ समय के लिए बेल पर छोड़ा जाए। इसके बाद उत्तराखँड हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस कोर्ट ने सरकार से इस मामले में राय मांगी है। ये याचिका हल्द्वानी के सचिन की ओर से दाखिल की गई है। याचिकाकर्ता सचिन और उसके तीन साथियों को नैनीताल सेशन कोर्ट ने नाबालिग बच्ची के साथ सामूहिक बलात्कार के आरोप में 20 साल की सजा सुनाई थी। ये वारदात 7 साल पहले की है। बलात्कारी की ज़मानत याचिका को कोर्ट द्वारा पहले भी दो बार खारिज कर चुका है। आगे पढ़िए

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लेकिन अब नए एंगल से ज़मानत दिए जाने की गुहार लगाई गई है। सचिन की पत्नी की ओर से कहा गया है कि जिस दौरान उसका पति गिरफ्तार हुआ था, उस दौरान उनकी शआदी को 3 महीने हुए थे। पति के गिरफ्तार होने के बाद से वो मातृत्व सुख से वंचित रही। महिला ने अब मातृत्व सुख के अधिकार पाने के लिए याचिका में कहा कि जेल में बंद उसके पति को बेल दी जाए, जिससे की वो मां बन सके। हलांकि कोर्ट ने भी कुछ सवाल खड़े किए हैं। कोर्ट का कहना है कि देखा जाना चाहिए कि बाद में क्या बच्चा भी अपने कैदी पिता के साथ रहने का अधिकार मांग सकता है? इसके साथ ही कोर्ट ने पूछा है कि क्या ऐसे बच्चे को दुनिया में लाने की अनुमति दी जाए, जिसका पालन पोषण मुश्किल होगा क्योंकि मां अकेली है? कोर्ट ने पूछा है कि पिता के बिना रहने से बच्चे पर कैसा मनोवैज्ञानिक प्रभाव पड़ेगा?