उत्तराखंड पिथौरागढ़Local youth will open hotel restaurant on Garbadhar-Lipulekh road

पहाड़ में कई युवाओं को रोजगार से जोड़ेगी ‘भोले की सड़क’..जानिए प्रोजक्ट की खास बातें

गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग से यात्री कैलाश मानसरोवर का सफर कम समय में पूरा कर सकेंगे, साथ ही ये रास्ता क्षेत्रीय पहाड़ी युवाओं को रोजगार से भी जोड़ेगा। कैसे? चलिए बताते हैं।

Garbadhar-Lipulekh Road: Local youth will open hotel restaurant on Garbadhar-Lipulekh road
Image: Local youth will open hotel restaurant on Garbadhar-Lipulekh road (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ स्थित गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग प्रदेश में रोजगार का बढ़िया जरिया बनेगा। इसके माध्यम से यात्री कैलाश मानसरोवर का सफर कम समय में पूरा कर पाएंगे, साथ ही ये रास्ता क्षेत्रीय पहाड़ी युवाओं को रोजगार से भी जोड़ेगा। कैसे? चलिए बताते हैं। गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग चीन और नेपाल सीमा से होते हुए कैलाश मानसरोवर की ओर जाता है। सामरिक दृष्टि से ये मार्ग बेहद महत्वपूर्ण है। एनएच और बीआरओ ने इस मार्ग पर युवाओं को भूमि लीज पर देने की योजना बनाई है। क्षेत्रीय युवा यहां जमीन लीज पर लेकर रेस्टोरेंट, ढाबा और होटल खोल सकेंगे। इससे बेरोजगार युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार मिलेगा, साथ ही पर्यटकों को भी खानपान की सुविधा मिलेगी। गांव में रोजगार के साधन डेवलप होने से पलायन रुकेगा। मानसरोवर यात्री हसीन वादियों के बीच रेस्टोरेंट में पहाड़ी खानपान का स्वाद लेकर कैलाश के लिए रवाना होंगे। योजना के तहत तवाघाट-लिपुलेख रोड के डंपिंग जोन में गार्डन विकसित किए जाएंगे।

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गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग कैलाश मानसरोवर के सफर को आसान बनाता है। दिल्ली से लिपुलेख तक की दूरी 750 किलोमीटर है, और यहां से मानसरोवर सिर्फ 95 किलोमीटर दूर रह जाता है। लिपुलेख से गर्बाधार तक 95 किमी सड़क का काम साल 2008 में शुरू हुआ, जो कि साल 2020 में पूरा हुआ। पहले कैलाश मानसरोवर आने-जाने में 4 हफ्ते लगते थे, अब वाहन के जरिए यात्रा एक हफ्ते में पूरी हो सकती है। आने वाले दिनों में इस रास्ते पर सैलानियों की आवाजाही बढ़ेगी। यहां व्यास घाटी में सड़क पर बने 30 से अधिक डंपिंग जोन को छोटे-छोटे गार्डन के रूप में विकसित किया जाएगा। गुलाब, ट्यूलिप और ब्रह्मकमल के फूल इनकी शोभा बढ़ाएंगे। गार्डन में जड़ी-बूटी लगाई जाएगी। पहाड़ी शैली में सुसज्जित रेस्टोरेंट बनाए जाएंगे। जिसका सीधा लाभ स्थानीय कारोबारियों को मिलेगा। केएमवीएन के प्रबंधक दिनेश गुरुरानी ने कहा कि चीन सीमा तक सड़क बनने से उच्च हिमालय में पर्यटन को पंख लगेंगे। इससे कैलाश मानसरोवर यात्रा सुगम होगी, रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।